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मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना से लड़ने के लिए छेड़ा युद्ध, गोरक्ष पीठ में हुआ हवन, कोरोना का आध्यात्मिक उपचार

इस यज्ञ के माध्यम से कोरोना वायरस से वातावरण को बचाने और शुद्ध रखने का संदेश दिया गया। इसी मकसद के लिए गोरखनाथ मंदिर में पुजारियों ने यज्ञ की आहुति दी। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वातावरण की शुद्धि के लिए मंदिर के मुख्य पुजारी बाबा कमलनाथ के नेतृत्व में यज्ञ की आहुति दी गई। गोरख पीठ के पुजारियों ने बताया  की यज्ञ से वातावरण शुद्ध होता है। उन्होंने अन्य मंदिरों और घरों में भी यज्ञ करने का आह्वान किया।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पूरे प्रदेश को तैयार कर रहे हैं। यूपी की सरकारी मशीनरी को सतर्क और सचेत किया जा रहा है। इस बीच वातावरण को शुद्ध करने के आध्यात्मिक उपाय भी किए जा रहे हैं। इसी संदर्भ में  गोरक्ष पीठ में  यज्ञ का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पीठ से जुड़े हुए हैं।

Chief Minister Yogi Adityanath
इस यज्ञ के माध्यम से कोरोना वायरस से वातावरण को बचाने और शुद्ध रखने का संदेश दिया गया। इसी मकसद के लिए गोरखनाथ मंदिर में पुजारियों ने यज्ञ की आहुति दी। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वातावरण की शुद्धि के लिए मंदिर के मुख्य पुजारी बाबा कमलनाथ के नेतृत्व में यज्ञ की आहुति दी गई। गोरख पीठ के पुजारियों ने बताया  की यज्ञ से वातावरण शुद्ध होता है। उन्होंने अन्य मंदिरों और घरों में भी यज्ञ करने का आह्वान किया।

Corona
गोरक्ष पीठ के पुजारियों ने जानकारी दी कि किस तरह से मंत्रों का उच्चारण कर यज्ञ के माध्यम से वातावरण को शुद्ध करने के साथ ही कोराना जैसे वायरस को भी भगाया जा सकता है। गोरक्ष पीठ में ऐसे मौकों पर कोई पहली बार  पहल नहीं की गई है। पुजारियों ने बताया कि इसके पहले भी ऐसी आपदाओं पर गोरखनाथ मंदिर में यज्ञ की आहुति दी गई है।


गोरखनाथ मंदिर किसी भी आपदा की सूरत में  लोगों के  मदद के लिए आगे आता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना वायरस को लेकर बहुत ही गंभीर है। वैदिक क्रियाओं का सीधा संबंध वातावरण की शुद्धि से रहा है। इस यज्ञ के दौरान गोरक्ष पीठ में स्थित संस्कृत विद्यालय के छात्रों ने मंत्रों का उच्चारण किया। पुजारियों ने वायरस से निपटने में मंत्र शक्ति का चमत्कार भी बताया।