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राम मंदिर के भूमि पूजन पर अयोध्या में होगा दीपावली जैसा उत्सव, सीएम योगी ने दिया ये बड़ा बयान

उन्होंने संतों से आग्रह किया कि कोरोना संकट के कारण सभी संतों को भूमि पूजन में आमंत्रित नहीं किया जा पा रहा है। इस कारण जिन संतों के नाम से आमंत्रण ट्रस्ट की ओर से भेजा जाय वही संत आयोजन में पधारें शिष्य या अन्य साधुओं को साथ न लाये।

अयोध्या। अयोध्या में पांच अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रस्तावित भूमि पूजन व शिलान्यास को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब जिम्मेदारी खुद संभाल ली है। इस कड़ी में वह शनिवार को यहां पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय के बाद श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की शुभ बेला आई है, ऐसे में अयोध्या में दीपावली जैसा दृश्य दिखाई देना चाहिए। योगी अयोध्या के कारसेवकपुरम में संतों के साथ पार्टी पदाधिकारियों व ट्रस्ट के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान कहा कि हमें इस अवसर को वैश्विक उत्सव का स्वरूप देना होगा। अयोध्या में दीपावली जैसा ²श्य दिखाई देना चाहिए। लोग अपने घरों में और संत महंत अपने मंदिरों में घी के दीपक जलाएं। यहां दीपावली का ²श्य दिखना चाहिए।

CM Yogi Adityanath

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पांच सौ वर्षों के लंबे संघर्ष व लाखों बलिदानों के बाद बाद यह शुभ घड़ी आई है। इसको उत्सव के रूप में मनाएं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यहां लोग अपने घरों में और संत-महंत अपने मंदिरों में घी के दीपक जलाएं। कोरोना संक्रमण के कारण सभी लोगों की उत्सव में प्रत्यक्ष भागीदारी सम्भव नहीं है, लेकिन दूरदर्शन पर भूमि पूजन का सजीव प्रसारण होगा। सभी लोग अपने घरों से ही इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन सकेंगे।

CM Yogi Adityanath

उन्होंने संतों से आग्रह किया कि कोरोना संकट के कारण सभी संतों को भूमि पूजन में आमंत्रित नहीं किया जा पा रहा है। इस कारण जिन संतों के नाम से आमंत्रण ट्रस्ट की ओर से भेजा जाय वही संत आयोजन में पधारें शिष्य या अन्य साधुओं को साथ न लाये।

अयोध्या संत समित के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने संतों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि 500 वर्षों से जिस घड़ी का इंतजार था, वह पांच अगस्त को पूरा होने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अयोध्या को इस तारीख में ऐसा सजाया जाए जैसे कि राम का राज्याभिषेक हो रहा है। इस दौरान अयोध्या के सभी मंदिर और घरों में दीपक जलाया जाएं और प्रसाद का वितरण हो। भजन कीर्तन और आरती का पाठ हो। पूरी तरह साफ सफाई हो। बिल्कुल एक उत्सव जैसा माहौल हो। इस पर सब संतों ने एक स्वर में हामी भरी है।