नई दिल्ली। दुनियाभर में प्रेस की आजादी को सम्मान देने के लिए 30 मई को पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है। ऐसे में कोरोना की वजह से अपनी जान गंवाने वाले पत्रकारों के परिवारों को आर्थिक मदद देने के लिए उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। सामने आई जानकारी के मुताबिक हिंदी पत्रकारिता दिवस के मौके पर योगी आदित्यनाथ ने बड़ी पहल करते हुए कोरोना काल में दिवंगत पत्रकारों के परिवारों को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। सीएम के इस आदेश के बाद सूचना विभाग ने दिवंगत पत्रकारों का ब्यौरा जुटाना शुरू कर दिया है। इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की कवायद शुरू हो गई। सीएम योगी का मकसद है कि, पत्रकारों के परिवारों को जितनी जल्दी हो सके मदद मिल जाए। इसकी जानकारी सीएम योगी के मीडिया सलाहकार सचिव मृत्युंजय कुमार ने ट्वीट कर दी।
हिंदी पत्रकारिता दिवस पर सीएम योगी ने कोरोना के शिकार दिवंगत पत्रकारों के परिवारों के लिए 10 लाख की आर्थिक सहायता के निर्देश दिए
— Mrityunjay Kumar (@MrityunjayUP) May 30, 2021
मृत्युंजय कुमार ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, हिंदी पत्रकारिता दिवस पर सीएम योगी ने कोरोना के शिकार दिवंगत पत्रकारों के परिवारों के लिए 10 लाख की आर्थिक सहायता के निर्देश दिए।
दरअसल कोरोना काल में खबरों की कवरेज के दौरान सूबे में कई पत्रकार कोरोना संक्रमित हो गए थे और उनमें से कईयों की मौत हो गई। ऐसे में उनके परिजनों के सामने भरण-पोषण की किल्लत आ गई है। इस समस्या से जूझ रहे परिवारों की परेशानी दूर करने के लिए योगी सरकार ने दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को 10 लाख रुपये देने का फैसला किया है।
बता दें कि इससे पहले भी योगी सरकार ने कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों के संरक्षण और उनकी देखभाल के लिए एक विशेष योजना को लागू करने का निर्णय लिया है। ऐसे बच्चों की सुरक्षा के लिए योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की है। योजना को लेकर सीएम योगी ने कहा कि यूपी सरकार ऐसे बच्चों के वयस्क होने तक 4000 रुपये प्रति माह वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी, ये सहायता उनके केयरटेकर को दी जाएगी। वहीं, 10 साल से कम आयु के ऐसे बच्चे जिनका कोई केयरटेकर नहीं है, उनके आवास की व्यवस्था बाल गृह में की जाएगी, जिसका ख़र्च सरकार उठाएगी।