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Mamata Banerjee: लोकसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की टेंशन बढ़ाने वाली खबर, सर्वे के मुताबिक लोकसभा चुनाव में लग सकता है झटका

साल 2019 में एनडीए ने पश्चिम बंगाल की 18 लोकसभा सीटों पर कब्जा किया था। तब टीएमसी को 22 सीटें मिली थीं। इस तरह अगले साल अगर बीजेपी नीत एनडीए की बंगाल में लोकसभा सीटें बढ़ीं, तो इससे ममता के शासन के खिलाफ माहौल बनाने का विपक्षी गठबंधन को बड़ा मौका हाथ लग जाएगा।

नई दिल्ली। अगले साल यानी 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं। इससे ठीक पहले पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी की सुप्रीमो ममता बनर्जी का सिरदर्द बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। ममता का सिरदर्द एक सर्वे के नतीजों से बढ़ सकता है। इंडिया टुडे और सी-वोटर के इस सर्वे के मुताबिक पश्चिम बंगाल में बीजेपी और एनडीए के पक्ष वाले लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है और इस इजाफे से लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी की टीएमसी को झटका लगने के आसार दिख रहे हैं। इस सर्वे की खास बात ये है कि सिर्फ 6 महीने पहले ही बीजेपी नीत एनडीए के पक्ष में ज्यादा हवा न होने की बात सी-वोटर के सर्वे में सामने आई थी, लेकिन अब हवा का रुख बदलता दिख रहा है।

Mamata and PM Modi

इंडिया टुडे और सी-वोटर के जनवरी में हुए सर्वे के मुताबिक पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 20 पर बीजेपी नीत एनडीए कब्जा कर सकता है। साल 2019 में एनडीए ने पश्चिम बंगाल की 18 लोकसभा सीटों पर कब्जा किया था। तब टीएमसी को 22 सीटें मिली थीं। इस तरह अगले साल अगर बीजेपी नीत एनडीए की बंगाल में लोकसभा सीटें बढ़ीं, तो इससे ममता के शासन के खिलाफ माहौल बनाने का विपक्षी गठबंधन को बड़ा मौका हाथ लग जाएगा। 6 महीने पहले ही सी-वोटर के सर्वे के नतीजे में बताया गया था कि एनडीए को लोकसभा चुनाव में 7 सीटें मिल सकती हैं। अब 20 सीटों का आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है।

PM Modi, Amit shah and Mamata

सी-वोटर ने जो सर्वे किया है, उसके नतीजों के मुताबिक आज अगर लोकसभा के चुनाव होते हैं, तो एनडीए को 298 सीटें मिलने का अनुमान है। ये संख्या पिछली बार से काफी कम है। पिछली बार यानी 2019 के लोकसभा चुनाव में अकेले बीजेपी ही 303 सीटें जीती थीं। ताजा सर्वे के मुताबिक कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए को 153 सीटें मिल सकती हैं। ये संख्या पिछली बार से ज्यादा है। अन्य दलों को इस सर्वे में 92 सीटों पर जीतते बताया गया है। हालांकि, किसको कितनी सीटें मिलती हैं, ये लोकसभा चुनाव में जनता ही तय करेगी।