newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Violence: करौली और जोधपुर के बाद अब राजस्थान के भीलवाड़ा में सांप्रदायिक तनाव, युवक की हत्या के बाद इंटरनेट बंद

मंगलवार रात को 22 साल के आदर्श तापड़िया की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। आदर्श के परिजनों के मुताबिक दूसरे संप्रदाय के लोगों ने उसकी हत्या की है। पुलिस कह रही है कि पैसों को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद हत्या हुई।

भीलवाड़ा। राजस्थान में अशोक गहलोत के कांग्रेस राज में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। करौली और जोधपुर के बाद अब भीलवाड़ा भी दूसरी बार एक हत्या से उबल रहा है। भीलवाड़ा में कुछ दिन पहले कुछ युवकों की दूसरे समुदाय के लोगों ने पिटाई की थी। अब मंगलवार रात को 22 साल के आदर्श तापड़िया की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। आदर्श के परिजनों के मुताबिक दूसरे संप्रदाय के लोगों ने उसकी हत्या की है। पुलिस कह रही है कि पैसों को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद हत्या हुई। हत्या की घटना से लोगों में रोष फैल गया। बीजेपी, विश्व हिंदू परिषद VHP और हिंदू जागरण मंच ने आज भीलवाड़ा बंद का आह्वान किया है। इसे देखते हुए प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं।

bhilwara 3

युवक की हत्या की घटना शहर के कोतवाली थाना इलाके के शास्त्रीनगर इलाके में हुई। यहां मिठाई की दुकान के पास विवाद के बाद आदर्श को चाकू मारा गया। इससे वो गंभीर रूप से घायल हो गया। घरवाले युवक को अस्पताल ले गए, लेकिन उसकी मौत रास्ते में ही हो चुकी ती। युवक की मौत की खबर मिलते ही इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस का भारी बंदोबस्त यहां करना पड़ा है। आदर्श के घरवालों ने मीडिया से बातचीत में आरोपियों के नाम भी लिए। उन्होंने कहा कि इनकी गिरफ्तारी तक वो शव को अंतिम संस्कार के लिए नहीं ले जाएंगे। कुछ दिन पहले भी भीलवाड़ा के ही सांगानेर इलाके में दो समुदायों के लोगों के बीच मारपीट हुई थी। जिसमें बाइक को भी फूंक दिया गया था। घटना में 2 युवक घायल हुए थे।

राजस्थान में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं अप्रैल में हिंदू नववर्ष के मौके पर शुरू हुई थीं। सबसे पहले करौली में पथराव और आगजनी हुई। जिसके बाद ईद के मौके पर भगवा और इस्लामी झंडा फहराने के विवाद में सीएम अशोक गहलोत के गृहनगर जोधपुर में तीन दिन तक जमकर हिंसा हुई थी। इन घटनाओं के अलावा राजस्थान में आए दिन दलितों और महिलाओं पर भी रेप और अन्य तरह के अत्याचार की खबरें आती ही रहती हैं।