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Dissent: कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने गांधी परिवार को दिखाया आईना, बोले- वामपंथी नेताओं को लाकर बेड़ा गर्क किया

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि देश का संविधान सेकुलर होने की बात करता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि किसी धर्म का अपमान किया जाए। अगर ऐसा होता, तो संविधान के पन्नों पर भगवान राम के दरबार का चित्र न होता, लेकिन हमारे कुछ नेता ही लगातार हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंचा रहे।

नई दिल्ली। जेएनयू से आकर कांग्रेस में अहम पद लेने वाले नेताओं के खिलाफ पार्टी में अब आवाज उठने लगी है। यूपी कांग्रेस के नेता प्रमोद कृष्णम ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पर वामपंथी दलों के कुछ नेताओं ने कब्जा कर लिया है। ये नेता पार्टी को ज्यादा सेकुलर साबित करने के लिए लगातार हिंदुओं की आस्थाओं को चोट पहुंचा रहे हैं। आचार्य का कहना है कि इससे कांग्रेस का भला नहीं, नुकसान हो रहा है। हिंदी अखबार ‘अमर उजाला’ से आचार्य कृष्णम ने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता बीजेपी के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं। इससे भी कांग्रेस को दिक्कत हो रही है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों का कांग्रेस के मूल सिद्धांतों पर भरोसा नहीं है, वे ही उनके कांग्रेस छोड़ने के बारे में अफवाह फैला रहे हैं।

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आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कांग्रेस तो महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के आदर्शों पर चलने वाली रही है। गांधीजी खुद भगवान राम के सबसे बड़े उपासक थे और इंदिरा गांधी देवरहा बाबा की भक्त थीं। आचार्य ने कहा कि सोनिया गांधी तो कुंभ में नहा चुकी हैं और राहुल गांधी भी खुद को कई बार शिवभक्त साबित कर चुके हैं, लेकिन कांग्रेस के कुछ लोग जो न पार्टी को समझते हैं और न धर्म निरपेक्षता को, वो खुद को ज्यादा सेकुलर दिखाने के लिए हिंदू आस्थाओं का लगातार अपमान कर रहे हैं।

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आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि देश का संविधान सेकुलर होने की बात करता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि किसी धर्म का अपमान किया जाए। अगर ऐसा होता, तो संविधान के पन्नों पर भगवान राम के दरबार का चित्र न होता। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की कुर्सी पर संस्कृत में ‘यतो धर्म, ततो जय’ न लिखा होता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी नेताओं को समझाना चाहिए कि सेकुलर होने का मतलब किसी धर्म या उसके मानने वालों का विरोध करना नहीं होता है।