नई दिल्ली। दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) विनय कुमार सक्सेना और केजरीवाल सरकार के बीच एक बार फिर टकराव हो गया है। मामला आज दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का है। दिल्ली के एलजी ने विधानसभा सत्र बुलाए जाने को अवैधानिक बताया था। एलजी की तरफ से कहा गया कि सत्र बुलाना उचित प्रक्रिया के तहत नहीं है। एलजी के मुताबिक वो समझने में विफल हैं कि जीएनसीटीडी एक्ट 1991 के किस प्रावधान और किन हालात में दिल्ली विधानसभा के चौथे सत्र के दूसरे भाग की जगह 1 दिन का सत्र बुलाया गया है। एलजी सक्सेना ने कहा कि ये दिल्ली सरकार की तरफ से गंभीर प्रक्रियात्मक चूक है और बिना तय विधायी कार्य के सत्र बुलाया गया है।
दिल्ली के एलजी की तरफ से सत्र बुलाए जाने पर सवाल उठाते ही केजरीवाल सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इसके जवाब में विधायी कार्यों और तरीकों के नियम ट्वीट कर जवाब दिया गया। सौरभ भारद्वाज ने लिखा कि दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष ने पिछली बार सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया था। उन्होंने सत्रावसान के लिए नहीं कहा था। सत्रावसान तो कैबिनेट की सलाह पर एलजी करते हैं। सौरभ भारद्वाज का तर्क है कि जब सत्रावसान नहीं हुआ, तो विधानसभा अध्यक्ष कभी भी सत्र बुलाने के लिए स्वतंत्र हैं।
बता दें कि एलजी विनय कुमार सक्सेना और अरविंद केजरीवाल की सरकार के बीच पहले भी तमाम मुद्दों पर टकराव हो चुका है। यहां तक कि एलजी ने केजरीवाल सरकार के मंत्रियों पर गलतबयानी करने तक का आरोप लगाया था। वहीं, सीएम केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने एलजी पर कई तरह के आरोप लगाए थे। एलजी पर भ्रष्टाचार का आरोप भी केजरीवाल ने जड़ा था। इससे पहले भी केजरीवाल सरकार एक-एक दिन का विशेष सत्र कई बार बुला चुकी है। एलजी ने ऐसे सत्रों पर पहली बार आपत्ति उठाई है।