नई दिल्ली। दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को उनके गृह राज्य लाने के लिए चलाई गईं श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के किराए को लेकर कांग्रेस और भाजपा में सियासी जंग छिड़ गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मजदूरों से ट्रेन किराया वसूलने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्रेन किराए का खर्च कांग्रेस की तरफ से उठाए जाने का ऑफर दिया है। सोनिया गांधी के दावों को झुठलाते हुए भाजपा ने उन पर मामले को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया है।
भाजपा के आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा, “गृह मंत्रालय की गाइडलाइन में स्पष्ट है कि स्टेशनों पर कोई टिकट नहीं बिकेगा। रेलवे 85 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है तो 15 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। प्रवासी मजदूरों को कोई पैसा नहीं देना है। सोनिया गांधी क्यों नहीं कांग्रेस शासित प्रदेशों को खर्च उठाने के लिए कहतीं।”
Shame on Congress for politicising migrant movement issue.
MHA guidelines are clear.
“No tickets to be sold at any station”
Railway has subsidised 85% and State Govts pay rest 15% (like Madhya Pradesh is)
Migrants DON’T pay!
Why doesn’t Sonia ask Congress state Govts to pay? pic.twitter.com/HvTBFKvIlN
— Amit Malviya (@amitmalviya) May 4, 2020
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य वापस भेजने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, मगर उनसे किराया लिया जा रहा है। सोनिया गांधी ने कहा विदेश में फंसे लोगों को मुफ्त में वापस लाया गया जबकि मजदूरों से किराया वसूला जा रहा है।
सोनिया गांधी ने सभी राज्यों की प्रदेश कांग्रेस कमेटी से हर जरूरतमंद श्रमिक के घर लौटने की रेल यात्रा का खर्च वहन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कांग्रेस जरूरी कदम उठाएगी। सोनिया गांधी के इस बयान के बाद भाजपा ने उन पर गलतबयानी का आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि श्रमिकों से किराया नहीं वसूला जा रहा है।
भाजपा के आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “कांग्रेस इस बात से दरअसल परेशान है कि कोविड-19 को भारत ने बेहतर तरीके से कैसे हैंडल किया। कांग्रेस और अधिक लोगों को कोरोना का शिकार देखना चाहती है। यही वजह है कि लोगों के आवागमन को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है। ऐसा होने पर संक्रमण और तेज गति से बढ़ेगा, जैसे इटली में हुआ था, क्या सोनिया गांधी यही चाहती हैं।”
Congress is obviously upset at how well India has handled #Covid. They would have ideally wanted a lot more people to suffer and die. Promoting indiscriminate movement of people would lead to faster spread of infection, just like we saw in Italy. Is this what Sonia Gandhi wants?
— Amit Malviya (@amitmalviya) May 4, 2020
उधर, सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अगर ट्रेनों में सफर के लिए कोई शर्त नहीं होती, सबके लिए फ्री कर दिया गया होता तो स्टेशनों पर बेकाबू भीड़ उमड़ पड़ती जिसे संभालना मुश्किल होता। कोरोनावायरस के खतरे के बीच सभी लोगों को यात्रा के लिए प्रोत्साहित करना उचित नहीं है। यही वजह है कि जरूरतमंदों के लिए ही राज्य सरकार की मांग पर श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल रहीं हैं।
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए भारतीय रेल किसी भी प्रवासी मजदूर को कोई टिकट बेच नहीं रही है। रेलवे राज्य सरकारों को ही टिकट दे रही है। अमूमन सामान्य दिनों में ट्रेन यात्रा पर रेलवे 50 प्रतिशत सब्सिडी देती है। मगर इस समय रेलवे राज्य सरकारों से केवल 15 से 20 प्रतिशत खर्च ही ले रही है। राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना है कि सिर्फ जरूरतमंद लोग ही ट्रेनों में सफर करें। ऐसा न करने पर बेकाबू भीड़ उमड़ सकती है।