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Congress On Kejriwal: अरविंद केजरीवाल को कांग्रेस का झटका, केंद्र के अध्यादेश पर साथ देने की खबरों का किया खंडन

सोमवार को खबर आई थी कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात की। जिसमें तय हुआ कि कांग्रेस इस अध्यादेश को बिल की सूरत देने के केंद्र के कदम के खिलाफ केजरीवाल का साथ देगी। अब कांग्रेस ने इन खबरों को सिरे से गलत बता दिया है।

नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी विपक्षी दलों से अपील की है कि वे अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर केंद्र सरकार की तरफ से जारी अध्यादेश का विरोध करें। केजरीवाल ने ये अपील भी की है कि जब केंद्र सरकार इस अध्यादेश की जगह संसद में बिल लाए, तो राज्यसभा में भी पूरा विपक्ष इसके खिलाफ हो। ताकि केंद्र का बिल पास न हो सके और ये 2024 से पहले का सेमीफाइनल की तरह होगा। इसके बाद सोमवार को खबर आई थी कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात की। जिसमें तय हुआ कि कांग्रेस इस अध्यादेश को बिल की सूरत देने के केंद्र के कदम के खिलाफ केजरीवाल का साथ देगी।

अब कांग्रेस ने ये कहकर अरविंद केजरीवाल को झटका दिया है कि केंद्र के अध्यादेश और संबंधित बिल के विरोध पर उसने कोई फैसला ही नहीं किया है। कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है। वेणुगोपाल ने ट्वीट में लिखा है कि अफसरों की नियुक्ति के बारे में दिल्ली सरकार की शक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आए अध्यादेश पर कांग्रेस ने अब तक कोई फैसला नहीं किया है। कांग्रेस अपनी राज्य इकाई और अन्य दलों से बातचीत कर इस बारे में फैसला करेगी। वेणुगोपाल ने ये भी लिखा कि पार्टी कानून के शासन में विश्वास करती है। कांग्रेस की तरफ से आए इस बयान से निश्चित तौर पर केजरीवाल को अभी बड़ा झटका लगा है। हालांकि, कांग्रेस ने इसपर अपना रुख अभी साफ न कर 50-50 का चांस बना दिया है।

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अगर अध्यादेश को बिल की शक्ल देने के केंद्र की तैयारी के बारे में बात करें, तो इसके लिए उसे संविधान संशोधन करना होगा। इसके लिए बिल को लोकसभा और राज्यसभा से पास कराना पड़ेगा। लोकसभा में बीजेपी के पास अकेले ही बहुमत है। वहीं, राज्यसभा में विपक्ष और एनडीए के 111-111 सांसद हैं। बीजेपी को वहां बिल पास कराने में नामित सदस्य और बीजेडी और वाईएसआरसीपी की मदद लेनी होगी। दोनों ही दल पहले भी 370 समेत अहम मसलों पर एनडीए की राज्यसभा में मदद कर चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि दिल्ली संबंधी बिल को बीजेपी सरकार संसद से पास करा लेगी।