नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए हैं। जितिन प्रसाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Union Miniter Piyush Goyal) की मौजूदगी में बीजेपी मुख्यालय में बीजेपी में शामिल हुए।
Delhi: Congress leader Jitin Prasada joins BJP in the presence of Union Miniter Piyush Goyal, at the party headquarters. pic.twitter.com/lk07VGygbe
— ANI (@ANI) June 9, 2021
भाजपा में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने कहा कि, मेरा कांग्रेस पार्टी से 3 पीढ़ियों का साथ रहा है। मैंने ये महत्वपूर्ण निर्णय बहुत सोच, विचार और मंथन के बाद लिया है। आज सवाल ये नहीं है कि मैं किस पार्टी को छोड़कर आ रहा हूं बल्कि सवाल ये है कि मैं किस पार्टी में जा रहा हूं और क्यों जा रहा हूं।
जितिन प्रसाद ने कहा, मैंने पिछले 8-10 सालों में ये महसूस किया है कि आज देश में अगर कोई असली मायने में संस्थागत राजनीतिक दल है तो भाजपा है। बाकी दल तो व्यक्ति विशेष और क्षेत्र के हो गए मगर राष्ट्रीय दल के नाम पर भारत में कोई दल है तो भाजपा है।
मैंने पिछले 8-10 सालों में ये महसूस किया है कि आज देश में अगर कोई असली मायने में संस्थागत राजनीतिक दल है तो भाजपा है। बाकी दल तो व्यक्ति विशेष और क्षेत्र के हो गए मगर राष्ट्रीय दल के नाम पर भारत में कोई दल है तो भाजपा है: भाजपा में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद pic.twitter.com/VHGZIMpa3Q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 9, 2021
इससे पहले जितिन प्रसाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के आवास पहुंचे। बता दें कि जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व में बदलाव और इसे और ज्यादा सजीव बनाने के लिए पत्र लिखा था।
दिल्ली: कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के आवास पहुंचे। जितिन प्रसाद दोपहर 1 बजे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। pic.twitter.com/mfrJ5QE4yE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 9, 2021
जितिन प्रसाद एक राजनीतिक परिवार से नाता रखते हैं। उनके पिता जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। जितिन प्रसाद ने 2001 में भारतीय युवा कांग्रेस में सचिव बनकर करियर शुरू किया था। जितिन ने पहली बार 2004 में अपने गृह क्षेत्र शाहजहांपुर से लोकसभा चुनाव लड़कर जीत हासिल की। इसके बाद मनमोहन सरकार में वर्ष 2008 में वह केंद्रीय राज्य इस्पात मंत्री बने। 2009 में परसीमन के कारण सीट बदल गई और जितिन को 15वीं लोकसभा के लिए धौरहरा से चुनाव लड़ना पड़ा। यहां से भी वो जीते और फिर मनमोहन सरकार में मंत्री रहे। यूपीए सरकार में वह सड़क निर्माण एवं राजमार्ग मंत्रालय, मानव संसाधन, इस्पात जैसे मंत्रालयों में मंत्री रहे।