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Delhi: झूठ का टूलकिट चलाते हैं राहुल गांधी, दर्जनों बार उतर चुका है नक़ाब

Congress Leader Rahul Gandhi: राहुल किसानों को जमीन छिन जाने का खतरा दिखा रहे हैं जबकि किसानों की जमीन पूरी तरह सुरक्षित है। राहुल के मुताबिक कॉर्पोरेट कंपनियां खेतों पर कब्जा कर लेंगी। जबकि हकीकत में कॉर्पोरेट ने किसी की भी जमीन पर कब्जा नहीं किया है।

नई दिल्ली। राहुल गांधी के हर झूठ की कलई खुल रही है। ये उन्हें जनता की नज़रों में बेहद ही हल्का नेता साबित करती है। राहुल और उनकी बहन प्रियंका गांधी ने किसानों को भड़काने और भ्रम में डालने का पूरा का पूरा टूलकिट तैयार कर रखा है। हालांकि उनका ये टूलकिट एक बार नहीं बल्कि कई बार एक्सपोज़ हो चुका है। मगर राहुल गांधी बार बार उसी राह पर नजर आते हैं।  28 अगस्त की तारीख इस बात की गवाही देती है। इस तारीख को उन्होंने ट्वीट किया- “फिर खून बहाया है किसान का, शर्म से सर झुकाया है हिंदुस्तान का।” इस ट्वीट के जरिए राहुल गांधी को लगा कि वे देशभर के किसानों को अपने पाले में कर लेंगे। उनके लिए राजनीति की जमीन सिर्फ ट्विटर है। वे जमीन की लड़ाई लड़ते कहीं भी नजर नहीं आते हैं।

Rahul Gandhi

जब संसद सत्र चल रहा था तो राहुल दिल्ली में ट्रैक्टर चला रहे थे। संसद सत्र खत्म होते ही वे फिर से सोशल मीडिया पर ट्विटर-ट्विटर खेलने लगे। एक दिन पहले ही राहुल गांधी ने फिर से कृषि क़ानूनों का शिगूफ़ा छेड़ा था। उन्होंने लिखा- “खेत को रेत नहीं होने देंगे, मित्रों को भेंट नही होने देंगे। कृषि विरोधी कानून वापिस लो।” जबकि किसान क़ानूनों की हकीकत राहुल गांधी को पूरी तरह से एक्सपोज़ करती है।

राहुल गांधी कहते हैं कि नए क़ानून से मंडियां बंद हो जाएंगी। जबकि हकीकत में एक भी मंडी बंद नहीं हुई है। राहुल का दावा है कि सरकार एमएसपी खत्म कर देगी। जबकि हकीकत में सरकार एमएसपी को रेगुलर बढ़ा रही है। राहुल किसानों को जमीन छिन जाने का खतरा दिखा रहे हैं जबकि किसानों की जमीन पूरी तरह सुरक्षित है। राहुल के मुताबिक कॉर्पोरेट कंपनियां खेतों पर कब्जा कर लेंगी। जबकि हकीकत में कॉर्पोरेट ने किसी की भी जमीन पर कब्जा नहीं किया है।

राहुल गांधी के इस झूठ की फसल को खुद पीएम मोदी बेनकाब कर चुके हैं। पीएम मोदी ने कहा, “बीते कुछ समय से हम एक नया ट्रेंड देख रहे हैं। हम देख रहे हैं कि अब विरोध का आधार फैसला नहीं बल्कि भ्रम फैलाकर और आशंकाएं फैलाकर कि भविष्य में ऐसा होगा, फिर तो भविष्य में ऐसा होगा, अब तो ये होने जा रहा है, जैसी बातों को आधार बनाया जा रहा है। अपप्रचार किया जा रहा है कि भई फैसला तो ठीक है लेकिन पता नहीं इससे आगे चलकर क्या क्या होगा और फिर कहते हैं कि ऐसा होगा जो अभी हुआ ही नहीं है, जो कभी होगा ही नहीं, उसको लेकर समाज में भ्रम फैलाया जाता है। जानबूझकर यही खेल खेला जा रहा है।”

पीएम मोदी के कहने का उद्देश्य एकदम साफ है। राहुल गांधी केवल मोदी सरकार के खिलाफ जनता को भड़काने और उसे डराने के अभियान में जुटे हुए हैं। इस अभियान में उन्हें देशहित से समझौता करने से भी डर नहीं लगता है।