नई दिल्ली। भारत बंद में शामिल होने आए कांग्रेसी नेताओं को देश के किसानों ने सरेआम बेआबरू कर दिया। आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किसानों के आंदोलन के बहाने अपनी सियासत चमकाने पहुंचे कांग्रेसी नेताओं को आंदोलनकारी किसानों ने उल्टे पांव भगा दिया। दरअसल आज यानी सोमवार 27 सितंबर को भारत बंद के दौरान कांग्रेस नेताओं की जैसी हालत हुई है, उसे देखकर तो बस एक ही कहावत याद आती है कि बेगानी शादी में अब्दुल्ला दिवाना। जी हां…ये कांग्रेसी नेता खुद को किसानों का हमदर्द बताने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अफसोस इन नेताओं को ये सियासी चाल नाकाम हो गई। ये कांग्रेसी नेता जहां ये कहते नहीं थक रहे थे कि हम किसानों का दर्द समझते हैं। हम किसानों की परेशानी समझते हैं। हम किसानों के सुर में सुर मिलाते हुए उनकी आवाज को हुकूमत तक पहुंचाएंगे, लेकिन इन ढोंगियों के सियासी खेल को समझ चुके देश के अन्नदाताओं ने न आव देखा न ताव देखा, बस दो टूक कह दिया कि हमें आपके किसी भी सियासी सहयोग की दरकार नहीं है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है।
#WATCH दिल्ली: कांग्रेस नेता और डीपीसीसी अध्यक्ष अनिल चौधरी गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि क़ानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने इसे गैर राजनीतिक प्रदर्शन बताते हुए उन्हें धरना स्थल से उठने को कहा। pic.twitter.com/x9A6Jl4Jmx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 27, 2021
वीडियो में देखा जा सकता है कि जब ये कांग्रेसी नेता भारत बंद में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं, तो किसानों उनसे कहते हैं कि ये कोई सियासी आंदोलन नहीं है, बल्कि यह किसानों का आंदोलन है, तो मेहरबानी करके आप यहां से चले जाइए। अब इतना सब सुनने के बाद भला इन कांग्रेसी नेताओं के पास कुछ कहने सुनने को नहीं रह गया था। वे बेचारे बेआबरू होकर ध्वस्त हो चुके अपने सियासी दुर्ग के धूल को समेटने में मसरूफ हो गए।
डालिए अतीतों की इबारतों पर एक नजर…!
चलिए, आपको कुछ याद दिलाते हैं। आपको पता ही होगा कि तकरीबन एक साल से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों का विरोध करने हेतु आंदोलनरत हैं। वे सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वहीं, सरकार का कहना है कि ये कानून आप लोगों के हित में है। अब ये और बात है कि किसान भला इसे समझने को क्यों तैयार नहीं हो रहे हैं? वहीं, कई मौकों पर इन कानूनों की मुखालफत करने के लिए किसान भाई भारत बंद का ऐलान कर चुके हैं। इसी कड़ी में आज यानी सोमवार2 7 सितंबर को किसानों ने भारत बंद का ऐलान किया है। हालांकि, इस भारत बंद का कुछ खास प्रभाव तो नहीं दिख रहा है, लेकिन पंजाब, हरियाणा समेत दिल्ली के कुछ इलाकों में ही दिख रहा है। इस बीच कुछ कांग्रेसी अपनी सियासत चमकाने के लिए पहुंच गए किसानों का हमदर्द बनने, लेकिन इनके साथ जो कुछ हुआ, वो काफी हैरान करने वाला था।
इस बीच कांग्रेस नेता अनिल चौधरी ने कहा कि मैं किसानों की परेशानी समझ सकता हूं। कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ मिलकर विरोध करेगी, लेकिन किसानों ने जब उन्हें यहां से वापस जाने को कहा तो इन्होंने अपना सुर बदलते हुए कहा कि लेकिन अगर किसान हमें यहां से जाने के लिए कहेंगे तो हम चले जाएंगे।
वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर आजाद भारत में किसानों की नहीं सुनी जाएगी तो कहां सुनी जाएगी। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि जल्द से जल्द उनकी मांगे मानी जाए। चलिए, आपको कुछ ट्वीट दिखाते हैं कि किस सियासी सूरमा ने किसानों के इस भारत बंद के बारे में क्या कुछ कहा।
ये दुख की बात है कि उनके(शहीद भगत सिंह) जन्मदिवस पर किसानों को भारत बंद का आह्वान करना पड़ रहा है। अगर आज़ाद भारत में भी किसानों की नहीं सुनी जाएगी तो फिर कहां सुनी जाएगी? मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि जल्द से जल्द उनकी मांगे मानें: भारत बंद पर अरविंद केजरीवाल, दिल्ली CM pic.twitter.com/Ou6TNKGzLR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 27, 2021
भारत कृषकों के परिश्रम से ताकत पाकर बढ़ने वाला कृषि प्रधान देश है। यह मुट्ठीभर पूंजीपतियों का क्रोनी कैपिटलिज्म प्रधान देश नहीं।
घोर पूंजीवाद समस्त धन को मुट्ठीभर लोगों की झोली में डालता है जबकि किसान सबके लिए अन्न पैदा करता है।
इसीलिए हम किसानों और #आज_भारत_बंद_है के साथ है।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 27, 2021
हरियाणा: संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के आह्वान पर प्रदर्शनकारी बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर बैठकर अपना विरोध जता रहे हैं। #FarmLaws pic.twitter.com/STq91rVSqD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 27, 2021