नई दिल्ली। बुधवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान कानूनों के मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में दिल्ली पुलिस द्वारा की जा रही बैरिकेडिंग पर सवाल उठाया। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि किसानों की बात पीएम मोदी को तुरंत मान लेनी चाहिए और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। वहीं राहुल गांधी के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने मोर्चा संभाला और राहुल के सवालों पर करारा जवाब दिया। पात्रा ने कहा कि, राहुल गांधी चाहते हैं कि सड़कों पर लड़ाई हो। किसानों के कंधे पर सियायत की कोशिश की जा रही है। क्या उपद्रवी राहुल के अपने हैं? किसान आंदोलन को लेकर पात्रा ने कहा कि “राहुल गांधी ने धमकाया कि कोई पीछे नहीं हटेगा, बातचीत में हम विश्वास नहीं रखते हैं।”
वहीं पात्रा ने कहा कि, राहुल जी ये तो किसानों का आंदोलन हैं और किसानों ने कहा है कि उनका किसी राजनीतिक पार्टी से कोई सरोकार नहीं है। फिर आप उनके पैरोकार क्यों बन रहे हैं? अपनी प्रेस कांफ्रेस की शुरुआत में संबित पात्रा ने कहा कि, “अभी कुछ देर पहले राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहीं न कहीं किसान बंधुओं के कंधे पर बंदूक रखकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की कोशिश राहुल गांधी जी ने की। साथ ही साथ पुनः किसानों के माध्यम से लोगों को भड़काने का भी प्रयत्न उन्होंने किया है।”
पात्रा ने कहा कि, “राहुल गांधी जी ने धमकाया कि कोई पीछे नहीं हटेगा, बातचीत में हम विश्वास नहीं रखते हैं। राहुल जी ये तो किसानों का आंदोलन हैं और किसानों ने कहा है कि उनका किसी राजनीतिक पार्टी से कोई सरोकार नहीं है। फिर आप उनके पैरोकार क्यों बन रहे हैं?”
In 1998, Congress govt in Madhya Pradesh had fired uncontrolled bullets at a farmers’ rally in the state.
28 farmers had been killed there in a death of democracy. Today, Rahul Gandhi is trying to question us? On what grounds?
– Dr. @sambitswaraj pic.twitter.com/z7rehSNxkJ
— BJP (@BJP4India) February 3, 2021
राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए पात्रा ने कहा कि, “कल पंजाब कांग्रेस ने ऐलान किया कि 122 लोग जो 26 जनवरी को हिंसा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं, उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। उन्हें कांग्रेस लीगल ऐड देगी।” उन्होंने कहा कि, “26 जनवरी को लाल किला पर हुई घटना में उपद्रव हुआ था तो, राहुल गांधी समेत तमाम कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि ये भाजपा के कार्यकर्ता हैं। जब ये हुड़दंगी गिरफ्तार हो रहे हैं, तो आप कह रहे हैं कि इनको रिहा कर दीजिए। आपको क्यों इतनी पीड़ा हो रही है, इसका अर्थ है कि ये आप ही के लोग थे।”
वहीं इससे पहले राहुल गांधी ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, सरकार की उदासीनता के कारण इस मुद्दे पर भारत की छवि पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चोट पहुंची है। राहुल ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों की ओर से किए गए ट्वीट को भी खारिज कर दिया। राहुल गांधी ने कहा, “यह हमारा आंतरिक मामला है।” उन्होंने कहा कि वह इन ट्वीट पर कोई राय नहीं रखते हैं, मगर कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए। उन्होंने पूछा, “सरकार किलाबंदी क्यों कर रही है, क्या ये किसानों से डरते हैं? किसान देश की ताकत हैं और सरकार को उनसे बात करनी चाहिए और समस्या का समाधान करना चाहिए।” उन्होंने कहा, “हमारे देश के लिए गतिरोध अच्छा नहीं है और किसान पीछे नहीं हटेंगे। सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। इसलिए, आज उन्हें वापस लेना बेहतर है।” बजट के मुद्दे पर उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद थी कि बजट 99 प्रतिशत लोगों को समर्थन देगा, लेकिन यह बजट सिर्फ एक प्रतिशत लोगों के लिए है। अर्थव्यवस्था केवल उपभोग के माध्यम से बढ़ सकती है। आपूर्ति पक्ष को पैसा देने से अर्थव्यवस्था नहीं चलेगी।”
गांधी ने दावा किया कि चीन ने भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने रक्षा बजट को लेकर भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने बजट में सशस्त्र बलों को अधिक आवंटन दिए जाने पर जोर दिया।