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Politics: चिंतन शिविर में कल से खुद के लिए संजीवनी तलाशेगी कांग्रेस, बीजेपी से लड़ने के लिए इन एजेंडों पर जोर

सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर होने से पहले बीते दिनों कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई थी। उसमें उन्होंने नेताओं से कहा था कि वे पार्टी के लिए त्याग करें, क्योंकि पार्टी ने उन्हें काफी कुछ दिया है। साथ ही उन्होंने एकजुटता रखने की उम्मीद भी कांग्रेस के नेताओं से की थी।

नई दिल्ली। कांग्रेस का 3 दिनों का चिंतन शिविर कल यानी शुक्रवार से राजस्थान के उदयपुर में होने वाला है। इस चिंतन शिविर में क्या-क्या फैसले हो सकते हैं, इसकी कुछ जानकारी पार्टी सूत्रों के हवाले से सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक चिंतन शिविर में कांग्रेस इस बात पर मंथन करेगी कि किस तरह वो खुद को बीजेपी से लड़ने के लिए फिर मजबूत कर सके। इसकी वजह ये है कि गठबंधन का धर्म कांग्रेस को लगातार पीछे ले गया है। उसने गठबंधन से सरकारें बनाईं, लेकिन हर जगह पटरी नहीं बैठी। इसके अलावा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी इस चिंतन शिविर में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से खुद को संयमित रखने और कांग्रेस के हित में काम करने का वादा भी लेंगी।

सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर होने से पहले बीते दिनों कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई थी। उसमें उन्होंने नेताओं से कहा था कि वे पार्टी के लिए त्याग करें, क्योंकि पार्टी ने उन्हें काफी कुछ दिया है। साथ ही उन्होंने एकजुटता रखने की उम्मीद भी कांग्रेस के नेताओं से की थी। इससे पहले तेलंगाना में राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस आलाकमान सबकी बात सुनना चाहता है, लेकिन सारी बात बंद कमरे में परिवार की तरह होनी चाहिए। मीडिया के सामने जाकर अपनी बात रखने के किसी नेता के तरीके को वो बर्दाश्त नहीं करेंगे। ये वादा भी सोनिया गांधी चिंतन शिविर में अपने नेताओं से ले सकती हैं।

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इसके अलावा चिंतन शिविर में राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की मांग उठने के आसार हैं। राहुल के पक्ष के नेताओं ने इस बारे में आवाज उठानी एक बार फिर शुरू कर दी है। बीते दिनों पार्टी की ओर से आंकड़े दिए गए थे कि जब राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थे, तो पार्टी की हालत काफी सुधरी थी। हालांकि, ये भी हकीकत है कि राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की दुर्गति के बाद पद से इस्तीफा भी दे दिया था।