नई दिल्ली। हरियाणा में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। मंगलवार को पार्टी का दामन और विधायक पद छोड़ने वाले पूर्व मंत्री कुलदीप बिश्नोई ने आज बीजेपी ज्वॉइन कर ली। कुलदीप बिश्नोई के पिता भजनलाल थे। भजनलाल हरियाणा के लंबे अर्से तक सीएम रहे और वो भी कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। कुलदीप के बीजेपी ज्वॉइन करने से पार्टी को हरियाणा में एक गैर जाट बड़ा चेहरा भी मिल गया है। कुलदीप के खिलाफ कांग्रेस आलाकमान ने बीते दिनों राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने की वजह से कार्रवाई की थी। कुलदीप ने एलान कर कांग्रेस के प्रत्याशी अजय माकन को वोट नहीं दिया था। इसकी वजह पूर्व सीएम और कांग्रेस के एक और कद्दावर नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से उनकी पुरानी तनातनी रही।
कुलदीप ने मंगलवार को आदमपुर में अपने समर्थकों से कहा था कि वो 6 साल बाद कांग्रेस का दामन छोड़कर नई सियासी पारी की शुरुआत करेंगे। बीते दिनों उन्होंने हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर और फिर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी।
हालांकि, बीजेपी में अपनी पहचान बनाने के लिए कुलदीप को काफी मेहनत करनी होगी। बीजेपी की नेता सोनाली फोगाट ने साल 2019 के चुनाव में कुलदीप को चुनौती दी थी। ऐसे में कुलदीप का बीजेपी में आना सोनाली को कितना सुहाता है, ये भी देखना बाकी है। इसके अलावा हिसार लोकसभा सीट पर भी कुलदीप के खिलाफ बीजेपी सांसद बृजेंद्र सिंह ताल ठोकते रहे हैं। कुलदीप खुद हिसार से पहले सांसद थे। साल 2019 में उन्होंने अपने बेटे भव्य विश्नोई को कांग्रेस से यहां उम्मीदवार बनवाया था, लेकिन बृजेंद्र ने भव्य को हरा दिया था।
Former Congress leader from Haryana Shri @bishnoikuldeep joins BJP at party headquarters in New Delhi. #JoinBJP https://t.co/0JKyKMDqbj
— BJP (@BJP4India) August 4, 2022
कुलदीप ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में उनकी आदमपुर सीट खाली हो गई है। आदमपुर से उन्हें ही बीजेपी मैदान में उतार सकती है, लेकिन यहां भी कुलदीप के लिए मुश्किल हो सकती है। इसकी वजह पहले हुए उप चुनाव हैं। हरियाणा में 2019 के बाद से अब तक विधानसभा के तीन उप चुनाव हो चुके हैं और इनमें से बीजेपी सिर्फ एक में ही जीती है। वैसे आदमपुर से भजनलाल परिवार का कोई भी सदस्य कभी चुनाव नहीं हारा है। कुलदीप बिश्नोई इस सीट से पहली बार 1998 में विधायक चुने गए थे।