नई दिल्ली। देश में जैसे-जैसे प्रगति और आधुनिक दौर की तरफ बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे कांग्रेस का हाथ अपना महत्व खो रहा है। एक समय पर जिस पार्टी का नाम जनता की जुबान पर रटा रहता था वो आज लोगों के लिए अंजान सा बन गया है। राजनीतिक चुनौतियों और संगठनात्मक कमजोरी जैसे सवालों से घिरी कांग्रेस के लिए शनिवार का दिन अहम माना जा रहा है। आज दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक होनी है कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
कहा जा रहा है कि इस बैठक में राजनीतिक और कृषि समेत तीन प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे। शनिवार को होने जा रही ये बैठक पार्टी के असंतुष्ट खेमे की मांग पर बुलाई गई है। जो कि जी-23 खेमा कार्यसमिति के केवल मुख्य सदस्यों के बजाय आमंत्रित सदस्यों और राज्यों के प्रभारियों को भी इसमें बुलाए जाने से नाखुश बताए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस कार्यसमिति की बैठक में 56 सदस्यों को न्योता दिया गया है। इनमें राज्यों के प्रभारी और विशेष आमंत्रित सदस्य सम्मिलित हैं।
यहां बता दें, जी-23 की अगुआई कर रहे गुलाम नबी आजाद की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जो खत लिखा गया था उसमें कार्यसमिति के केवल मुख्य सदस्यों की ही बैठक में बुलाने की मांग रखी गई थी। अहमद पटेल और मोतीलाल वोरा के निधन के बाद कार्यसमिति में अभी फिलहाल 20 सदस्य हैं। इस समय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अस्वस्थ हैं जिसके कारण उनका इस बैठक में शामिल होना न के बराबर है। अब देखना होगा कि बैठक में क्या कुछ निकल कर आता है।