कोलकाता। वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के खिलाफ पूरा भारत लड़ाई लड़ रहा है। इस लड़ाई में लॉकडाउन ने काफी हद तक अबतक भारत को अबतक जीत दिलाई है। हर राज्य अपने स्तर से इससे निटपने के उपाय कर रहा है। इस बीच लॉकडाउन के 31वें दिन केंद्र सरकार ने बंगाल को कोरोना जांच प्रणाली को लेकर घेरते हुए बंगाल के मुख्य सचिव से शुक्रवार को सवाल किया है कि बंगाल सरकार ये जवाब दे कि आखिर किसी व्यक्ति की राज्य में मृत्यु कोरोनावायरस से हुई हैं, यह साबित करने के लिए डॉक्टरों की कमेटी ने किस आधार का या प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है।
इसके साथ ही इंटर-मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम (आईएमसीटी) ने भी ये सवाल पूछा कि क्या कमेटी द्वारा उपयोग किये जा रहे आधार या प्रणाली इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईएमसीआर) की गाइडलाइन के हिसाब से एकदम सही हैं।
बता दें इस बारे में आईएमसीटी ने सचिव से कहा कि हमारी जांच टीम द्वारा महानगर के विभिन्न कोविड-19 अस्पतालों का दौरा किया गया । टीम की जांच के मुताबिक यहां मरीजों को कोरोना की जांच के परिणाम के लिए 4 दिन से भी अधिक समय तक इंतजार कर रहे हैं। राज्य सरकार को चाहिए कि प्रतिदिन 2500 से 5000 तक जांच करें।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में आईएमसीटी की टीम को लेकर भी केंद्र और ममता बनर्जी के बीच काफी तनातनी हुई थी। इसके साथ ही आज पश्चिम बंगाल के अंदर दिल्ली से वापस गए 9 आरपीएफ के जवानों में को रोना संक्रमण पाया गया है।