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Corona Vaccine: अमेरिका में मिला PFIZER की वैक्सीन को फुल एप्रूवल, सिर्फ 66 फीसदी है कारगर

Corona Vaccine: अभी तक मोदी सरकार ने फाइजर की वैक्सीन को भारत के लिए मंजूरी नहीं दी है। इसकी बड़ी वजह कारगर कम होने के अलावा इसका स्टोरेज है। इस वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री पर रखना होता है। इतने कम तापमान पर रखने के लिए भारत में फ्रीजर नहीं हैं। साथ ही ये वैक्सीन काफी महंगी भी है।

वॉशिंगटन। अमेरिका ने फाइजर कंपनी की कोरोना वैक्सीन को पूरी तरह मंजूरी यानी पुल अप्रूवल दे दिया है। जबकि, ये वैक्सीन सिर्फ 66 फीसदी ही कारगर है। ये अकेली वैक्सीन है, जिसे अमेरिका ने फुल अप्रूवल दिया है। बाकी कोरोना वैक्सीन्स पर उसने चुप्पी साध रखी है। फाइजर और बायोएनटेक ने ये वैक्सीन बनाई है। ये MRna वैक्सीन है। फाइजर की वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री सेल्सियस पर रखना होता है। अमेरिका के अलावा यूरोप के कुछ देशों, इजरायल और ऑस्ट्रेलिया में लोगों को ये वैक्सीन लगाई जा रही है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन FDA का कहना है कि फाइजर की वैक्सीन काफी सुरक्षित है। इसी वजह से इसे फुल अप्रूवल दिया गया है। अब तक इसे इमरजेंसी यूज के तहत लोगों को लगाया जा रहा था।

Pfizer

अमेरिका में पिछले साल यानी 2020 के दिसंबर महीने से फाइजर की वैक्सीन लोगों को लगाने की शुरुआत हुई थी। वहां 20 करोड़ लोगों को इस वैक्सीन की डोज लग चुकी है। बावजूद इसके कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने अमेरिका में जमकर हाहाकार मचाया। इसके बाद पता चला कि फाइजर की वैक्सीन महज 66 फीसदी ही कारगर है।

Coronavirus

फाइजर कंपनी के सीईओ अल्बर्ट बुर्ला ने बयान दिया है कि अमेरिकी एफडीए के फैसले से इस वैक्सीन के प्रति लोगों और अन्य देशों की सरकारों में भरोसा बनेगा। अमेरिका में फाइजर के अलावा मॉडर्ना और जॉन्सन एंड जॉन्सन की वैक्सीन लोग लगवा रहे हैं।

बता दें कि अभी तक मोदी सरकार ने फाइजर की वैक्सीन को भारत के लिए मंजूरी नहीं दी है। इसकी बड़ी वजह कारगर कम होने के अलावा इसका स्टोरेज है। इस वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री पर रखना होता है। इतने कम तापमान पर रखने के लिए भारत में फ्रीजर नहीं हैं। साथ ही ये वैक्सीन काफी महंगी भी है।