newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

वुहान से वतन वापस लौटे कश्मीरी छात्रों से प्रधानमंत्री ने की फोन पर बात, छात्र बोले ‘शुक्रिया मोदी जी’

रहमान ने पीएम को बताया कि वुहान में स्थिति भयंकर है। वो वुहान में 60 अन्य कश्मीरी छात्र के साथ मेडिकल की पढ़ाई करते हैं। उसने भारत सरकार का और पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया और कहा समय रहते उनको और उनके मित्रों को वुहान शहर से सुरक्षित निकाल लिया गया

नई दिल्ली। अक्सर मुश्किल में ही एक अच्छे नेता की पहचान होती है, जब हालातों को देखकर, परखकर उनसे लड़ने की तैयारी होती है। एक नेता के साहस की असली परीक्षा तब होती है जब सभी हिम्मत हार रहे होते हैं। ऐसा ही वक्त आज भारत में है, कोरोना का संकट देश के ऊपर मंडरा रहा है। इस संकट के दौर में प्रधानमंत्री मोदी ने जो साहस और धैर्य दिखाया है उसका हर कोई मुरीद हो गया है। मोदी सरकार कोरोनावायरस महामारी के समय में ​स्थिति को नियंत्रण में रखने की पूरी कोशिश में लगी हुई है।

Narendra Modi

कोरोना से देश को बचाने के लिये खुद प्रधानमंत्री मोदी लगातार नजर बनाए हुए हैं और इस संकट के समय में हाल ही में वुहान से लौटे छात्रों और मरीजों का इलाज कर रही नर्स से भी बात कर रहे हैं। दरअसल प्रधानमंत्री इस बातचीत के माध्यम से लोगों को मोटिविट और प्रेरित करना करना चाहते हैं।

इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के वुहान शहर से पिछले दिनों लौटे कश्मीरी छात्र निजामउर रहमान से शनिवार को फोन पर बात की। रहमान ने पीएम को बताया कि वुहान में स्थिति भयंकर है। वो वुहान में 60 अन्य कश्मीरी छात्र के साथ मेडिकल की पढ़ाई करते हैं। उसने भारत सरकार का और पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया और कहा समय रहते उनको और उनके मित्रों को वुहान शहर से सुरक्षित निकाल लिया गया।

pm modi varanasi talk

जब पीएम मोदी ने निजाम उर रहमान से अपना अनुभव साझा करने को कहा कि तो निजाम ने बताया कि 14 दिन अलग थलग रहने के दौरान उन्हें कोई समस्या नही हुई, उन्हें अच्छा खाना दिया गया, खेलने को गेम्स दिए गए। इसलिए जो लोग क्वारनटाइन के दौरान रहते हैं वो भयभीत न हों। पीएम मोदी ने निजाम उर रहमान से कहा कि वह चूंकि मेडिकल की पढ़ाई करते हैं तो ऐसे में लोगों को लॉक डाउन के के महत्व के बारे में बताएं और समझाएं।

corona virus

गौरतलब है कि चीन का वुहान शहर कोरोनावायरस का केंद्र रहा है। माना जा रहा है कि चीन के इस शहर से पूरे विश्व में इस वायरस का प्रसार हुआ। कश्मीर के 60 छात्र वुहान में ही मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन भारत सरकार से गुहार लगाने के बाद इन लोगों को सुरक्षित भारत लाया गया और 14 दिन के आइसोलेशन की जरूरी प्रकिया के बाद इन्हें अपने घरों को भेज दिया गया है ।