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पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1993 नए मामले, लेकिन रिकवरी रेट 25.37% : स्वास्थ्य मंत्रालय

देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोनावायरस के 1,993 नए मामले सामने आए हैं।

नई दिल्ली। देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोनावायरस के 1,993 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 564 कोरोना मरीज ठीक हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पिछले 24 घंटे में 564 लोग ठीक हुए हैं, रिकवरी रेट 25.37 पहुंच गया है। वहीं, गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने राज्यों में फंसे लोगों को लेकर अहम जानकारी दी। गृह मंत्रालय ने आज दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, छात्रों को जाने की इजाजत दी है।

Lav Aggarwal

लव अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोरोना से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें भी बताईं। उन्होंने कहा कि बार-बार छूने वाले स्थानों को समय-समय पर सैनिटाइज करें। जैसे कि डोर लॉक, माउस, की बोर्ड, स्विच बोर्ड इत्यादि। सभी लोग मास्क का इस्तेमाल करें। हमें यह समझना चाहिए कि मास्क पहनने वाला व्यक्ति बीमार नहीं है बल्कि समाज के प्रति अपना कर्तव्य समझता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी से अनुरोध है कि आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करें।

Lav Agarwal

उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में भारत में कोरोना वायरस के 1993 नए केस रिपोर्ट हुए हैं। इससे हमारी कुल कंफर्म पॉजिटिव केसों की संख्या बढ़कर अब 35043 हो चुकी है। इनमें 25007 एक्टिव केसों का अभी विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। पिछले 24 घंटों में देखें 554 लोग ठीक हो चुके हैं। जिससे कि हमारे यहां ठीक हुए मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 8888 हो चुकी है। इस तरह हम देखते हैं तो पाते हैं कि हमारा रिकवरी रेट निरंतर बढ़ते हुए अब 25.37 प्रतिशत हो चुका है।

अगले चरण में छोटे शहरों और गांवों में संक्रमितों की पहचान

लव अग्रवाल ने कहा कि अगले चरण की रणनीति के तहत छोटे शहरों, कस्बों और गांवों के अंदर संभावित संक्रमितों की पहचान करे उनके संपर्क में आने वालों की तलाश से लेकर इलाज का पुख्ता व्यवस्था का इंतजाम किया जाना है। अब गांव-गांव में कंटेनमेंट जोन की पहचान की जाएगी और स्पेशल टीमें बनाकर घर-घर की जांच की जाएगी।

छोटे-छोटे इलाके घोषित होंगे कंटेनमेंट जोन

Lav Agarwal

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अब लड़ाई चेन ऑफ ट्रांसमिशन को ब्लॉक करने की है। इसके लिए हर संभावित संक्रमित और उसके संपर्क में कौन-कौन आया, उन सभी का पता लगाने का अभियान छेड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मरीज किन-किन इलाकों में हैं, उसका विश्लेषण किया जाएगा। सोची-समझी रणनीति बनाकर जहां केस आए हैं, वहां कंटेनमेंट जोन घोषित किए जा सकते हैं। इनमें कोई आवासीय कॉलनी, मोहल्ला, म्यूनिसिपल वॉर्ड, पुलिस स्टेशन एरिया, निगम क्षेत्र या पूरा शहर आ सकता है।

घर-घर और गांव-गांव तलाशी का अभियान

उन्‍होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गांव या कुछ गांवों का समूह या थाना क्षेत्र, ग्राम पंचायत या प्रखंड, इस तरह के इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित करना होगा। इसके साथ हर कंटेनमेंट जोन में एक बफर जोन भी बनाना होगा ताकि इलाके की गतिविधियों और जरूरतों पर नजर रखी जा सके। उन्होंने कहा कि बफर जोन में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।