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Kanjhawala Case: कंझावला केस के आरोपी आशुतोष भारद्वाज को कोर्ट ने दी जमानत, बिना इजाजत दिल्ली ना छोड़ने का आदेश

Kanjhawala Case: मामले में आरोपी बनाए गए आशुतोष भारद्वाज को अदालत ने 50 हजार के बेल बांड पर जमानत दी है। रोहिणी कोर्ट ने शर्त लगाते हुए कहा कि आरोपी बिना कोर्ट की इजाज़त के दिल्ली नहीं छोड़ेगा।

नई दिल्ली। बीते महीने दिल्ली के कंझावला इलाके में एक ऐसी वारदात हुई इसकी वजह से पूरा देश हिल गया। बेटियों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर देश भर में खूब आवाज उठी, केजरीवाल की दिल्ली में लड़कियों की सुरक्षा के दावों की पोल खुल गई। अब इसी कंझावला केस की एक बड़ी अपडेट सामने आ रही है दरअसल कंझावला केस के एक आरोपी को बेल मिल गई है। दिल्ली की एक अदालत से कंझावला केस के आरोपी आशुतोष भारद्वाज को बेल मिली है। इससे पहले अदालत ने आशुतोष की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसके बाद मंगलवार को आशुतोष को जमानत मिल गई है। बता दें कि इस केस के दो आरोपी आशुतोष भारद्वाज और अंकुश खन्ना पर सबूत छिपाने का आरोप लगाया गया है। जिसकी वजह से दोनों जेल में सजा काट रहे हैं।

आपको बता दें कि इस मामले में इससे पहले सोमवार को अदालत में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि यह केस काफी गंभीर है और वो इस केस में हत्या की धारा लगाने की प्रक्रिया में है। यह बात कहते हुए दिल्ली पुलिस ने आरोपी को जमानत दिये जाने का विरोध किया था। हालांकि, मंगलवार को आरोपी को जमानत मिल गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर ने सोमवार को भारद्वाज की जमानत पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। न्यायाधीश ने मंगलवार को कहा कि आरोपी को 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी जाती है। न्यायाधीश ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि भारद्वाज की भूमिका अपराध होने के बाद शुरू हुई। मामले में विस्तृत आदेश का इंतजार की जा रहा है।

गौरतलब है कि इस मामले में आरोपी बनाए गए आशुतोष भारद्वाज को अदालत ने 50 हजार के बेल बांड पर जमानत दी है। रोहिणी कोर्ट ने शर्त लगाते हुए कहा कि आरोपी बिना कोर्ट की इजाज़त के दिल्ली नहीं छोड़ेगा। कोर्ट ने साथ ही ये भी कहा कि आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा, गवाहों से संपर्क नहीं करेगा। 11 पुलिसकर्मी हो चुके हैं सस्पेंड दिल्ली में एक लड़की को कार के नीचे घसीटने के मामले में दिल्ली पुलिस ने कुछ ही दिनों पहले घटना के समय पीसीआर वैन और पिकेट में ड्यूटी पर तैनात 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया था। गृहमंत्रालय ने इस घटना को काफी गंभीरता से लिया था और आईपीसी की धारा 302 लगाने के लिए भी कहा था। जिन पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी थी उनमें 2 सब इंस्पेक्टर, 4 एसिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, 4 हेड कॉन्स्टेबल और 1 कॉन्स्टेबल शामिल थे। बाद में पकड़े गये थे दो आरोपी इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने आरोपियों का कथित तौर से बचाव करने वाले मामले के एक अन्य आरोपी अंकुश खन्ना को शनिवार को रिहाई दे दी थी।