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जम्मू कश्मीर में रह रहे रोहिंग्याओं के लिए खतरे की घंटी, नागरिकता प्लान लागू होते ही होंगे बेदखल

जम्मू कश्मीर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मोदी सरकार की योजना शीशे की तरह साफ है। सरकार इस कानून को जम्मू-कश्मीर में भी लागू करने जा रही है।

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मोदी सरकार की योजना शीशे की तरह साफ है। सरकार इस कानून को जम्मू-कश्मीर में भी लागू करने जा रही है। इस कानून का जम्मू-कश्मीर में लागू होना रोहिंग्याओं के लिए खतरे की घंटी की तरह होगा।

jitendra singh

केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने इस संदर्भ में स्थित साफ कर दी है। उन्होंने कहा है कि यह कानून जम्मू-कश्मीर में भी लागू किया जायेगा। रोहिंग्या शरणार्थियों को जम्मू-कश्मीर से जाना होगा और हम उनके निर्वासन की पूरी तैयारी करेंगे।

CAA

सरकार के प्लान के मुताबिक किसी भी हाल में रोहिंग्या को नागरिकता नहीं दी जाएगी। जम्मू कश्मीर में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को नागरिकता संशोधन कानून का कोई लाभ नहीं मिलेगा। वे तीन देशों और छह अल्पसंख्यकों में से किसी से संबंधित नहीं हैं जिनके लिए सीएए का गठन किया गया है।

एक सरकारी अनुमान के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में रहने वाले रोहिंग्याओं की संख्या 5,700 है, जबकि UNHCR की 2017 की रिपोर्ट में ये आंकड़ा 7,000 सुझाया गया था। हालांकि भारत में मौजूद रोहिंग्या शरणार्थी सीएए से लाभ की उम्मीद कर रहे थे।