नई दिल्ली। दिल्ली-NCR में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल किया है। इस दौरान लॉकडाउन लगाए जाने की बात पर सरकार की ओर से कहा गया है कि वह पूर्ण लॉकडाउन जैसे कदम उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। लेकिन तब ही जब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए भी लॉकडाउन की जरूरी है। हालांकि, दिल्ली सरकार का कहना है कि लॉकडाउन का केवल सीमित प्रभाव होगा। वायु प्रदूषण के मुद्दे को एयरशेड स्तर पर हल करने की जरूरत है। इसमें एनसीआर क्षेत्रों को भी शामिल किया जाए।
अपने हल्फनामे में दिल्ली सरकार ने आगे कहा है कि दिल्ली सरकार स्थानीय उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए पूर्ण लॉकडाउन जैसे कदम उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। हालांकि, ऐसा कदम सार्थक होगा यदि इसे पड़ोसी राज्यों के एनसीआर क्षेत्रों में भी लागू कर दिया जाए। दिल्ली के कॉम्पैक्ट आकार को देखते हुए लॉकडाउन का वायु गुणवत्ता व्यवस्था पर सीमित प्रभाव पड़ेगा। पड़ोसी राज्यों के एनसीआर क्षेत्रों में लागू होने पर ऐसा कदम सार्थक होगा।
दिल्ली में वायु प्रदूषण: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली और उत्तरी राज्यों में वर्तमान में पराली जलाना प्रदूषण का प्रमुख कारण नहीं है क्योंकि यह प्रदूषण में केवल 10% योगदान देता है। pic.twitter.com/Xbi0Zk5Ybh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 15, 2021
दिल्ली सरकार की ओर से SC के निर्देशों के बाद उठाए गए बाकि कदमों के बारे में शीर्ष न्यायालय को भी सूचित किया गया है। सरकार ने इस पर आगे कहा कि 13 नवंबर को आपात बैठक बुलाई गई थी। इस सप्ताह स्कूलों में शारीरिक तौर पर कोई कक्षाएं नहीं होंगी। एक सप्ताह के लिए सरकारी अधिकारी घर से काम करेंगे। निजी कार्यालयों को भी घर से ही काम करने की सलाह दी गई है।