नई दिल्ली। दिल्ली के जहांगीरपुरी समेत कई शहरों में हिंदू नववर्ष, रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर हुई हिंसा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में वकील विनीत जिंदल ने अर्जी दाखिल कर इन मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA से कराने की मांग की है। अर्जी में कहा गया है कि तमाम जगह हुई हिंसा की घटनाएं संयोग नहीं लगतीं। इनके तार आपस में जुड़े हो सकते हैं। ऐसे में एनआईए से जांच कराना जरूरी है। बता दें कि तीनों पर्वों पर दिल्ली के अलावा मध्यप्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, गोवा, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों में हिंसा और सांप्रदायिक तनाव हुआ था।
हिंदू नववर्ष, रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर जिन शहरों में हिंसा हुई वे हैं दिल्ली का जहांगीरपुरी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, गुजरात के खंभात और हिम्मतनगर, मध्यप्रदेश का खरगोन, राजस्थान का करौली, पश्चिम बंगाल में बांकुड़ा, गोवा का वास्को, बिहार का मुजफ्फरपुर, झारखंड का लोहरदगा। शनिवार को ही उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के मौके पर जमकर हिंसा हुई थी। कई गाड़ियों को फूंका गया था। जमकर पथराव के अलावा फायरिंग भी हुई थी। इसमें कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।
दिल्ली पुलिस की एफआईआर के मुताबिक शनिवार शाम करीब 6 बजे शोभायात्रा जामा मस्जिद के पास पहुंची, तो अंसार नाम का अपराधी अपने कुछ साथियों के साथ आया और बहस करने लगा। इसके बाद हालात बिगड़े और दोनों पक्षों में पथराव हुआ। फिर गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी हुई। तलवारें लहराई गईं। इस मामले में अब तक एक ही परिवार के 4 लोगों समेत 21 आरोपी धरे गए हैं। आरोपियों में 2 नाबालिग हैं। इनके पास से 5 तलवार और 3 पिस्टल बरामद हुई हैं।