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Uttarakhand New CM: धामी फिर संभालेंगे देवभूमि की कमान, 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर 23 मार्च को लेंगे शपथ

Uttarakhand New CM: इससे पहले चुनाव से 6 महीने पहले ही उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। 47 साल के धामी उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं।

देहरादून। उत्तराखंड राज्य का गठन हुए 21 साल हो चुके हैं। अपनी 20 साल की उम्र में ये राज्य 11 मुख्यमंत्री देख चुका है और अब एक बार फिर नए मुख्यमंत्री की ताजपोशी की तैयारी हो रही है। ऐसे में एक बार फिर मुख्यमंत्री होंगे पुष्कर सिंह धामी, जी हां बीजेपी कार्यालय में आयोजित विधायक दल की बैठक में धामी के नाम पर मोहर लग गई। बताते हैं पार्टी आला कमान ने उनके नाम पर ही मोहर लगाई है, यानि तय हैं कि धामी 23 मार्च को फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। आपको बता दें की उत्तराखंड के 2022 विधानसभा चुनावों में पुष्कर सिंह धामी के नाम पर चुनाव लड़ा गया, लेकिन वो खटीमा से ही चुनाव हार गए। ऐसे में कयास यह लगाए गए कि मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी की जगह किसी और को मौका दिया जा सकता है। हालांकि पुष्कर सिंह धामी के पक्ष में कई विधायकों ने आलाकमान से आग्रह किया कि उनकी सीट खाली कर ली जाए और पुष्कर सिंह धामी को वहां से चुनाव लड़ाया जाए। लगभग 11 दिनों के मंथन के बाद आखिरकार फैसला लिया गया है और पुष्कर सिंह धामी को कह दिया गया है की वो सीएम की शपथ लें। वहीं अब 23 मार्च को शपथ लेने के बाद पुष्कर धामी 6 महीने के अंदर चुनाव लड़कर विधायक बनाना होगा। इसके लिए किसी विधायक की सीट खाली की जाएगी।

Pushkar Singh Dhami

इससे पहले चुनाव से 6 महीने पहले ही उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। 47 साल के धामी उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं। उत्तराखंड की खटीमा विधानसभा सीट से लगातार दो बार से विधायक बनते रहे हैं, लेकिन इस बार चूक गए भगत सिंह कोश्यारी के करीबी माने जाने वाले धामी ने भाजपा की युवा इकाई से राजनीति की शुरूआत की थी और 2002 से 2008 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।

Pushkar Singh dhami Oath pic

युवकों के बीच मजबूत पकड़

युवा मोर्चा का नेतृत्व संभालने के बाद उन्होंने प्रदेश भर में घूम-घूमकर यात्राएं की थीं और बेरोजगार युवाओं को एक साथ जोड़कर बड़ी रैलियां कर युवा नेता के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई थी। प्रदेश में अगले साल की शुरूआत में ही चुनाव होने हैं, ऐसे में युवाओं में उनकी पकड़ को देखते हुए बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया है।