नई दिल्ली। प्रयागराज के एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट से माफिया अतीक अहमद को बड़ा झटका लगा है। साल 2003 में अतीक अहमद के खिलाफ धूमनगंज थाने में दर्ज मामले में मिली जमानत को स्पेशल कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने अपराधिक इतिहास और लगातार अपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के साथ ही जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने पर अतीक को मिली हुई जमानत को निरस्त किया है। साल 2017 में सरकार की तरफ से जमानत को निरस्त करने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिसमें चली लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए अहमद की जमानत को निरस्त करने के आदेश को पारित किया।
एक मामले में साल 2003 में अतीक अहमद प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद थे। इसी दौरान जब वो प्रयागराज की कचहरी में पेशी के लिए जेल से पहुंचे थे तो उनपर जानलेवा हमला हुई। अतीक अहमद पर हुए इस हमले के बाद उनके समर्थकों ने शहर में जगह-जगह पर तोड़फोड़ और आगजनी भी की। धूमनगंज के शिवाला इलाके में अतीक अहमद के इशारे पर उसके गुर्गों द्वारा सरकारी बस में तोड़फोड़ और आगजनी का आरोप लगाते हुए बस ड्राइवर की तरफ से मामला दर्ज कराया गया था। हालांकि इस मामले में पहले अतीक अहमद को जमानत मिल गई थी लेकिन बावजूद इसके अतीक के खिलाफ कई मामले दर्ज हुए। इन मामलों को आधार बनाकर सरकार के वकील ने अतीक को मिली जमानत याचिका निरस्त करने की अर्जी दाखिल की थी।
सरकार के वकील ने जो दाखिल अर्जी में कहा था कि जमानत की शर्तों का लगातार अतीक अहमद उल्लंघन कर रहा है। उसके खिलाफ इस मामले में मिली जमानत के बाद भी कई अपराधिक मामले दर्ज हुए हैं। मौजूदा वक्त में वो कोर्ट के निर्देश पर ही गुजरात के साबरमती जेल में बंद हैं। हालांकि सरकार के वकील की अर्जी के खिलाफ अतीक के वकीलों ने विरोध जताया लेकिन आखिर में दोनों के पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत को निरस्त करने का फैसला लिया। वहीं अब सरकार के इस फैसले के बाद अतीक अहमद की मुश्किल बढ़ना तय है।