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India-China: क्या तिब्बत में भारत के सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट को मार गिराने में चीन रहा कामयाब, जानें सच्चाई

India-China: लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद को हल करने के लिए दोनों देशों के बीच अबतक 6 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन फिलहाल सभी बैठक बिना नतीजे के समाप्त हुई है। LAC पर हालत सामान्य नहीं हैं और चीन इस मामले पर कुछ ज्यादा ही अकड़ दिखाने की कोशिश कर रहा है। LAC पर तनातनी के बीच भारत ने ब्रह्मोस, निर्भय और आकाश मिसाइल की अग्रिम मोर्चे पर तैनाती कर दी है।

नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच जब से सीमा विवाद बढ़ा है तब से चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स वहां के न्यूज चैनल और वहां की अन्य मीडिया में भारत को लेकर जिस तरह की खबर चलाई जा रही है वह लगभग सब की सब फेक ही होती है। चीन की मीडिया अपनी खबरों के जरिए भारत पर दवाब बनाने की कोशिश में लगी रहती है। लेकिन उनकी तरफ से फैलाए गए हर झूठ का लगातार पर्दाफाश भारतीय मीडिया और भारत सरकार की तरफ से किया जाता रहा है। इसी सब के बीच @ZhongXN ट्विटर हैंडल से ब्रेकिंग न्यूज करके चीन द्वारा भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई को तिब्बत में मार गिराए जाने का दावा किया जा रहा है। 3 अक्टूबर को रात 10 बजकर 47 मिनट पर किए गए इस ट्विट में ये भी कहा गया है कि पीएलए एयरफोर्स ने तिब्बत में भारतीय वायुसेना के खतरनाक लड़ाकू विमान सुखोई एसयू-30 एमकेआई को मार गिराया है।


पीआईबी फैक्ट चेक की तरफ से जब इस वायरल ट्वीट का विश्लेषण किया गया तो इसके बाद लड़ाकू विमान सुखोई एसयू-30 एमकेआई के चीन द्वारा मार गिराए जाने की सच्चाई सामने आई। पीआईबी फैक्ट चेक में चीन के इस पूरे दावे को कोरी कल्पना बताया साथ ही यह भी खुलासा किया कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं।


लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद को हल करने के लिए दोनों देशों के बीच अबतक 6 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन फिलहाल सभी बैठक बिना नतीजे के समाप्त हुई है। LAC पर हालत सामान्य नहीं हैं और चीन इस मामले पर कुछ ज्यादा ही अकड़ दिखाने की कोशिश कर रहा है। LAC पर तनातनी के बीच भारत ने ब्रह्मोस, निर्भय और आकाश मिसाइल की अग्रिम मोर्चे पर तैनाती कर दी है। ब्रह्मोस मिसाइल सुखोई-30-एमकेआई से चीन पर कहर बरपाने को तैयार है। LAC के करीब के अब सभी चीनी एयरबेस भारत के निशाने पर हैं। चीन ने हाल ही में तिब्बत और शिनजियांग में लंबी दूरी की मिसाइलें तैनात की थीं।

Sukhoi

वहीं भारतीय वायुसेना के पास मौजूद जिस सुखोई-30 MKI को मार गिराने का दावा चीन की तरफ से किया गया उसके बारे में भी जानना जरूरी है। सुखोई-30 MKI को ताकतवर लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। भारत और रूस के बीच इसे लेकर 2000 में समझौता हुआ था। भारत को पहला सुखोई-30 2002 में मिला था। इसमें सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम लगा है, जिसकी मदद से यह रात और दिन दोनों समय ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है। इसमें हवा में ही ईंधन भरा जा सकता है और यह 3,000 किलोमीटर की दूरी तक जाकर दुश्मन को नेस्तनाबूद कर सकता है।

Sukhoi

वहीं इस सुखोई-30 MKI में लगने वाले ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में कहा जाता है कि यह दुनिया की सबसे तेज गति से हमला करने वाली सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल है, ये 500 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। ब्रह्मोस को सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट के जरिए दागा जा सकता है। ब्रह्मोस 300 किलोग्राम वॉर हेड ले जा सकती है। इससे किसी भी चीनी एयरबेस को तबाह किया जा सकता है। जरूरी तादाद में ब्रह्मोस मिसाइलें मोर्चे पर पहुंचाए जा चुकी हैं।