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FCRA: ‘मोदी सरकार ने ब्लॉक कर दिया है मदर टेरेसा की संस्था के सभी अकाउंट’ ममता बनर्जी बेशर्मी से बोल गई झूठ लेकिन खुल गई पोल

गोवा में 30 फीसदी ईसाई धर्म को मानने वाले हैं। इनमें से ज्यादातर कैथलिक हैं। जबकि, मिशनरीज ऑफ चैरिटी भी कैथलिक ईसाइयों की संस्था है। ऐसे में लगता यही है कि ईसाई वोटरों को टीएमसी के पाले में खींचने के लिए ममता ने इस तरह का ट्वीट किया।

कोलकाता/दिल्ली। पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कल अचानक ट्वीट करके कहा कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी MoC के खातों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रोक लगा दी है। उन्होंने दावा किया कि, ”क्रिसमस पर यह बात सुनकर स्तब्ध हूं कि केंद्र सरकार ने भारत में मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सभी बैंक खातों से लेन-देन को रोक दिया है। उनके 22,000 रोगियों और कर्मचारियों को भोजन और दवाएं नहीं मिल पा रहीं।” ममता का ये ट्वीट आने के बाद हड़कंप मच गया। बाद में गृह मंत्रालय ने कहा कि विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम FCRA पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी के आवेदन को पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण 25 दिसंबर को खारिज कर दिया गया। गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने एक बयान में यह भी बताया कि उसने मिशनरीज ऑफ चैरिटी के किसी खाते से लेनदेन को नहीं रोका है। संस्था ने खुद ही स्टेट बैंक को लिखकर खातों पर रोक लगाने के लिए कहा है।

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बाद में खुद मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने बयान जारी कर ममता के दावे का खंडन किया। संस्था ने कहा कि उसके खातों पर गृह मंत्रालय ने कोई रोक नहीं लगाई है। संस्था ने कहा कि उसने खुद खातों से लेन-देन पर रोक लगवाई, ताकि किसी भी तरह किसी कानून और नियम का उल्लंघन न हो सके। अब ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या ममता को किसी ने गलत जानकारी दी या पूरा  मामला गोवा चुनाव को देखते हुए उन्होंंने उठाया था। बता दें कि गोवा में अगले साल चुनाव होने हैं और यहां ईसाई वोटरों की तादाद अच्छी खासी है। सवाल ये है कि क्या इसी वजह से उनका समर्थन हासिल करने के लिए ममता ने इस तरह का ट्वीट किया?

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इस सवाल का जवाब  तो ममता ही दे सकती हैं, लेकिन जरा गोवा में ईसाइयों की संख्या पर नजर डाल लें, तो ममता की ये सोची-समझी रणनीति लगती है। गोवा में 30 फीसदी ईसाई धर्म को मानने वाले हैं। इनमें से ज्यादातर कैथलिक हैं। जबकि, मिशनरीज ऑफ चैरिटी भी कैथलिक ईसाइयों की संस्था है। ऐसे में लगता यही है कि ईसाई वोटरों को टीएमसी के पाले में खींचने के लिए ममता ने इस तरह का ट्वीट किया। अब जबकि, गृह मंत्रालय और खुद मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने हकीकत उजागर कर दी है, तो ममता ने चुप्पी साध ली है।