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Bhagwant Mann Marriage: इधर भगवंत मान ने लिए डॉ गुरप्रीत संग सात फेरे, उधर पत्नी का निकाला कांग्रेस कनेक्शन

Bhagwant Mann wedding: खास बात ये है कि वहीं चिर प्रतिद्वंदी कांग्रेस जिसको पंजाब की सत्ता से हटाना के लिए आम आदमी पार्टी ने एड़ी चोटी का जोर लगाया। और इतिहास रचते हुए सत्ता पर काबिज हुई। अब ऐसे में उनकी दूसरी पत्नी डॉ गुरप्रीत कौर के कांग्रेस कनेक्शन सामने आने के बाद मान के लिए दिक्कत खड़ी हो सकती है?

नई दिल्ली। गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान दूसरी बार डॉ गुरप्रीत कौर संग शादी के बंधन में बध गए। उन्होंने अपने आवास में एक सादे कार्यक्रम में परिणय सूत्र में बंध गए। उनके शादी समारोह में दिल्ली के सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल, राघव चड्ढा समेत कई नेताओं ने शिरकत की। वहीं सोशल मीडिया पर उनकी शादी की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही है। बता दें कि बीते दिन भगवंत मान के शादी के बंधन में बधने की खबर सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी, कि आखिर डॉ गुरप्रीत कौर कौन है? जिसके साथ पंजाब सीएम मान अचानक से  परिणय सूत्र में बधने जा रहे हैं। इसी बीच खबर है कि उनकी दूसरी पत्नी कौर का कांग्रेस से गहरा नाता है। खास बात ये है कि वहीं चिर प्रतिद्वंदी कांग्रेस जिसको पंजाब की सत्ता से हटाना के लिए आम आदमी पार्टी ने एड़ी चोटी का जोर लगाया। और इतिहास रचते हुए सत्ता पर काबिज हुई। अब ऐसे में उनकी दूसरी पत्नी डॉ गुरप्रीत कौर के कांग्रेस कनेक्शन सामने आने के बाद मान के लिए दिक्कत खड़ी हो सकती है?

Mann Wedding

चलिए आपको बताते है कि मान की पत्नी कौर का कांग्रेस से क्या है कनेक्शन-

गुरप्रीत कौर कुरुक्षेत्र के पिहोवा के गांव गुमथला गढू की हैं। कौर का परिवार खुद भी राजनीति में काफी मजबूत पकड़ है। उनके मामा जसवंत सिंह कांग्रेस के नेता हैं। वहीं उनके फुफेरे भाई एडवोकेट अमन चीमा भी कांग्रेसी हैं। उनके पिता के चचेरे भाई एडवोकेट गुरिंद्र सिंह आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता हैं। उन्होंने नगर निकाय चुनाव से पहले ही कांग्रेस छोड़कर आप का दामन थामा था। गुरप्रीत कौर के पिता भी गांव के पूर्व सरपंच रह चुके हैं।

इसके अलावा पूर्व मंत्री स्व. जसविंद्र सिंह संधू के छोटे बेटे हरकीरत संधू की बीवी रिश्तेदारी में कौर की कजिन लगती है। इस हिजाब से हरकीरत संधू पंजाब के मुख्यमंंत्री मान के साढू बनने जा रहे हैं। बताते चले कि बीत माह उनके चाचा एडवोकेट गुरविंदर जीत सिंह आप में शामिल हुए थे। उन्होंने साल 1991 में पिहोवा विधानसभा से आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे। वह कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री हरमोहिंदर सिंह चट्ठा के करीबी रहे हैं। हालांकि बाद में वह कांग्रेस का साथ छोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे।