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Punjab: दिल्ली के बाद पंजाब में भी AAP की शामत, ED ने MLA जसवंत सिंह को हिरासत में लिया, लगाया मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

Punjab: सनद रहे कि सितंबर में ईडी ने उनके यहां छापेमारी भी की थी , जहां से 32 लाख रुपए जब्त किए गए थे। आप ने उक्त कार्रवाई को केंद्र सरकार द्वारा जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बताया था और आप विधायक ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर इन्हें राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया था।

नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बाद अब ईडी पंजाब में भी आप विधायक के खिलाफ एक्शन मोड में आ चुकी है। दरअसल, ईडी ने पंजाब अमरगढ़ से आम आदमी पार्टी के विधायक जसवंत सिंह को हिरासत में ले लिया। बता दें कि जिस वक्त ईडी ने उन्हें हिरासत में लिया, उस वक्त वो पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बैठक कर रहे थे। सनद रहे कि पिछले साल सितंबर में ईडी ने उनके यहां छापेमारी भी की थी , जहां से 32 लाख रुपए जब्त किए गए थे। आप ने उक्त कार्रवाई को केंद्र सरकार द्वारा जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बताया था और आप विधायक ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर इन्हें राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया था।

किस मामले में हुई कार्रवाई ?

उधऱ, बताया जा रहा है कि आप विधायक के खिलाफ यह कार्रवाई 40 करोड़ के बैंक फ्रॉड के मामले में की गई, लेकिन विधायक इन आरोपों को सिरे से खारिज कर रहे हैं। उधर, आम आदमी पार्टी का भी कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग विपक्षी दलों की आवाज दबाने के मकसद कर रही है, लेकिन यह आवाज कभी दबने वाली नहीं है।

क्या कोई नोटिस मिला ?

वहीं, आपको बता दें कि आप विधायक को इस मामले में ईडी द्वारा कोई नोटिस नहीं दिया गया था। ध्यान दें, आमतौर पर ऐसे मामलों में आरोपी को जांच एजेंसी की ओर से नोटिस जारी कर पहले से ही यह इत्तला कर दिया जाता है कि उसके खिलाफ फलां कार्रवाई की जा रही है, लेकिन आपको बता दें कि उक्त मामले में ईडी द्वारा ऐसी कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। ध्यान दें, आप विधायक के खिलाफ यह कार्रवाई ऐसे वक्त में कई गई है, जब कुछ दिनों बाद पांच राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, जिसमें आम आदमी पार्टी भी अपनी किस्मत आजमाने जा रही है।

मालूम हो कि दिल्ली में भी आप विधायकों के खिलाफ ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है। वापस ली जा चुकी नई आबकारी नीति मामले में अब तक ईडी द्वारा तीन आप नेताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और आप सांसद संजय सिंह का नाम शामिल है। उधर, बीते दिनों इसी मामले में सीएम केजरीवाल को ईडी ने पूछताछ के लिए समन जारी किया था, लेकिन वो पेश नहीं हुए थे। केजरीवाल सीएम भगवंत मान के साथ चुनाव प्रचार करने मध्य प्रदेश गए थे, जहां उन्होंने यहां तक कह दिया था कि हो सकता है कि जब चुनावी नतीजे आए तो उस वक्त में जेल में रहूं। ध्यान दें, उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई कि अब केजरीवाल खुद ही अपने जेल जाने की भविष्यावाणी कर रहे हैं। खैर, अब ईडी आगामी दिनों में इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

क्या है आबकारी नीति

हर राज्य की आबकारी नीति वहां की सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है, जिसके अंतर्गत यह फैसला लिया जाता है कि मादक पदार्थों की खऱीद-ब्रिकी किस दर पर की जानी है। वहीं, अब इस पूरे मामले में सीएम केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने निजी शराब कारोबारियों को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रखते हुए नई शराब नीति की रूपरेखा तय की थी, जिसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले को संज्ञान में लेने के बाद सीबीआई से जांच की अनुशंसा की। उधर, सीबीआई के बाद इस मामले में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई का सिलसिला शुरू किया। बहरहाल, इस पूरे मुद्दे को लेकर आप और बीजेपी के बीच दोषारोपण जारी है। ऐसे में जांच क्या कुछ कदम उठाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।