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West Bengal: ममता बनर्जी पर हुए हमले की खुली पोल, चुनाव आयोग ने कहा- हमले का कोई सबूत नहीं

West Bengal Elections 2021: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सियासी पारा लगातार बढ़ता जा रहा है। सूबे की नंदीग्राम (Nandigram) सीट वीवीआईपी हो गई है। यहां भाजपा और तृणमूल कांग्रेस आमने-सामने है। दोनों के लिए यह सीट नाक का सवाल बन गई है।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सियासी पारा लगातार बढ़ता जा रहा है। सूबे की नंदीग्राम (Nandigram) सीट वीवीआईपी हो गई है। यहां भाजपा और तृणमूल कांग्रेस आमने-सामने है। दोनों के लिए यह सीट नाक का सवाल बन गई है। इसी सीट से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने इस सीट पर ममता करीबी और टीएमसी का दामन छोड़कर भाजपा में आए नंदीग्राम से विधायक शुभेंदु अधिकारी को ममता के खिलाफ ताल ठोंकने के लिए मैदान में उतार दिया है। इन सबके बीच ममता बनर्जी के नामांकन वाले दिन जो हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ वह किसी से छुपा नहीं है। दरअसल नंदीग्राम में जब सीएम ममता बनर्जी का काफिला गुजर रहा था तो उन्हें चोट आ गई। इसे ममता ने साजिश बताया उनकी बाईं पैर में फ्रैक्टर हो गया है। वहीं ममता बनर्जी ने इस अपने ऊपर हमला करार दिया। इसी बीच ममता बनर्जी के पैर में लगी चोट पर अब तस्वीर साफ हो गई है।

mamata Banerjee

दरअसल चुनाव आयोग ने राज्य के पर्यवेक्षकों और मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर इस नतीजा पर पहुंची है कि टीएमसी प्रमुख पर कोई हमला नहीं किया गया है, साथ चुनाव आयोग के मुताबिक इस हमले के कोई सबूत नहीं पाए गए हैं।

यानी कि ममता बनर्जी के पैर में जो चोट लगी वो एक हादसा था। बता दें कि ममता बनर्जी के जख्मी होने के मामले में राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय, विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे और विशेष पर्यवेक्षक अजय नायक की रिपोर्ट पर निर्वाचन आयोग ने ये फैसला लिया है। बता दें कि शनिवार को ही घटना की विस्तृत रिपोर्ट आयोग को सौंपी गई थी।

चुनाव आयोग के फैसल के बाद ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा कि हम निडर होकर लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता का दर्द मेरे दर्द से ज्यादा है।