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Holika Dahan: कोरोना गाइडलाइन के नाम पर जलती होलिका को पानी डालकर बुझाया, अब उठ रही कार्रवाई की मांग

Holika Dahan: दिल्ली के जगतपुरी (कृष्णा नगर) इलाके में दिल्ली पुलिस द्वारा होलिका दहन के मौके पर जलती होलिका को पानी डालकर बुझाने की घटना सामने आई तो इस मामले ने तुल पकड़ लिया। सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर जमकर बवाल और पुलिस के खिलाफ लोगों में आक्रोश साफ देखने को मिल रहा है।

नई दिल्ली। दिल्ली के जगतपुरी (कृष्णा नगर) इलाके में दिल्ली पुलिस द्वारा होलिका दहन के मौके पर जलती होलिका को पानी डालकर बुझाने की घटना सामने आई तो इस मामले ने तुल पकड़ लिया। सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर जमकर बवाल और पुलिस के खिलाफ लोगों में आक्रोश साफ देखने को मिल रहा है। इस मामले पर विश्व हिंदू परिषद की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। जगतपुरी जहां यह घटना घटी वह डीसीपी शहादरा के अंदर आता है। ऐसे में उनकी तरफ से सफाई दी गई कि इस मामले में पुलिस के द्वारा कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने की कोशिश की गई। कहीं भी किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।

Jagatpuri Delhi

हालांकि पुलिस की इस सफाई के बाद भी मामले ने तुल पकड़ लिया। इस मामले पर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि जलती होलिका को पानी से बुझाया जाना बेहद पीड़ादायक है। राजधानी दिल्ली में हिन्दू आस्था के साथ इस घोर अपमान पर अबिलम्ब कार्यवाही जरूरी है। शांत व सभ्य समाज की सहिष्णुता की परीक्षा उचित नहीं। दिल्ली पुलिस कार्यवाही करे।


इससे पहले विश्व हिंदू परिषद की तरफ से ट्वीट कर लिखा गया था कि होलिका दहन के पारंपरिक उत्सव को भंग कर पानी डाला जाना हिंदुओं की सहिष्णुता की परीक्षा तो नहीं? क्या किसी और धर्म के साथ ऐसा करने का सोचा भी जा सकता है..?


वहीं इस मामले पर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि # COVID19 पर अंकुश लगाने के दिशानिर्देशों ने कभी भी किसी को धार्मिक रीति-रिवाजों को इतने क्रूर तरीके से कुचलने के लिए नहीं कहा। राष्ट्रीय राजधानी में हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करना बहुत अधिक दुखदायी है।


इससे पहले विनोद बंसल ने ट्वीट किया था जगत पुरी, कृष्णा नगर दिल्ली में पूजा की थाली लिए महिलाओं के सामने जलती होलिका को दिल्ली पुलिस द्वारा पानी डाल कर बुझा कर 2 लोगों को हिरासत में लेना कितना उचित है? दो दिन पूर्व ही जुम्मे पर सेंकड़ों की उपस्थिति पर कोई क्यों नहीं बोला?


इस पर जवाब देते हुए डीसीपी शहादरा ने लिखा था कि पुलिस ने जलती होलिका पर पानी नहीं डाला व इसी मामले में किसी को हिरासत में नहीं लिया गया। पुलिस के खिलाफ आरोप गलत है। दिल्ली सरकार द्वारा दी गयी कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन कराया जा रहा था।