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Tokyo olympic: भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा के कोच के बारे में गलत जानकारी देकर ऐसे फैलाई जा रही है Fake News, पीएम मोदी को भी ट्रोल करने की हो रही कोशिश

Tokyo olympic: नीरज चोपड़ा ने अपने पूरे एथलेटिक्स करियर में कई कोच से प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसमें से उनके सबसे पहले कोच जर्मनी के उवे हॉन थे। वे हॉन के निर्देशन में ही नीरज ने अपनी स्किल को कई गुना संवारा। लेकिन 2018 के बाद ही नीरज ने अपना कोच बदल दिया। 2018 में एशियन गेम्स के बाद ही नीरज चोपड़ा ने उवे हॉन से प्रशिक्षण लेना बंद कर दिया था। लेकिन भारत के वामपंथी सोच के लोग किसी भी नायक के ऊपर इपनी सोच से एक हीरो तैयार कर देते हैं और उसके साथ केंद्र सरकार की नीतियों को जोड़कर फिर सरकार को घेरने और ट्रोल करने की कोशिश करते हैं।

नई दिल्ली। नीरज चोपड़ा ने 87 मीटर से ज्यादा दूरी तक भाला फेंककर ओलंपिक का गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। नीरज ने ऐसा करके भारत के लिए इतिहास रच दिया। भारत के लिए यह गौरव से भरा पल था। क्योंकि एथलेटिक्स में आजाद भारत के लिए पहला गोल्ड नीरज चोपड़ा ने हासिल कर लिया। नीरज के इस कारनामे के बाद पूरा देश खुशी से झूम रहा है। लोग नीरज के वापस भारत आने पर उनके स्वागत की तैयारी कर रहे हैं। देश के कई राज्यों ने नीरज के लिए इनामों की बाढ़ लगा दी है। लेकिन देश में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो नीरज चोपड़ा की इस उपलब्धि के बाद भी उनको लेकर कई तरह की गलत जानकारी साझा कर पीएम नरेंद्र मोदी और नीरज के कोच को ट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं।

आपको बता दें कि नीरज चोपड़ा ने अपने पूरे एथलेटिक्स करियर में कई कोच से प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसमें से उनके सबसे पहले कोच जर्मनी के उवे हॉन थे। वे हॉन के निर्देशन में ही नीरज ने अपनी स्किल को कई गुना संवारा। लेकिन 2018 के बाद ही नीरज ने अपना कोच बदल दिया। 2018 में एशियन गेम्स के बाद ही नीरज चोपड़ा ने उवे हॉन से प्रशिक्षण लेना बंद कर दिया था। लेकिन भारत के वामपंथी सोच के लोग किसी भी नायक के ऊपर इपनी सोच से एक हीरो तैयार कर देते हैं और उसके साथ केंद्र सरकार की नीतियों को जोड़कर फिर सरकार को घेरने और ट्रोल करने की कोशिश करते हैं। इसके साथ ही आपको बता दें कि उवे हॉन के एक साक्षात्कार को लेकर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने कहा कि भारत सरकार की तरफ से उन्हें मदद नहीं दी जा रही थी इसलिए उन्होंने कोच का पद छोड़ दिया। जबकि इस बात में कहीं से भी कोई सच्चाई नहीं थी।


नीरज को 2018 एशियन गेम्स के बाद लगने लगा था कि अब वह उवे हॉन से प्रशिक्षण नहीं ले पाएंगे। उन्होंने अपना कोच बदल लिया और राष्ट्रीय कोच राधाकृष्ण नायर के रूप में उन्हें अपना नया कोच मिल गया। हालांकि बतौर नीरज उवे हॉन के प्रशिक्षण में किसी तरह की कमी नहीं थी। लेकिन उनको शायद अपने लिए नए प्रशिक्षक की तलाश थी। इस ओलंपिक में जब नीरज ने भाला फेंक प्रतियोगिता में भारत को स्वर्ण का तोहफा दिया तो उनके कोच राधाकृष्ण नायर हीं थे। इसके साथ नीरज की सफलता में पूर्व कोच गैरी कैल्वर्ट और बायो-मैकनिक्स विशेषज्ञ डॉ बार्टोनीट्ज का भी बड़ा योगदान रहा। लेकिन कई लोगों ने उवे हॉन को उनका कोच बताकर झूठी कहानी गढ़नी शुरू की और इसके साथ ही इस पूरे मामले से पीएम नरेंद्र मोदी को भी जोड़ दिया।

Neeraj Chopra

आपको बता दें कि अब नीरज चोपड़ा के साथ उनके पुराने कोच जर्मनी के उवे हॉन का नाम जोड़कर किस तरह से एक राजनीतिक जमीन तैयार की गई और फिर उसके नाम पर सरकार के खिलाफ नेरेटिव तैयार करने की कोशिश की गई। सबसे पहले कांग्रेस के नेता उदित राज ने लिखा- नीरज चोपड़ा के जर्मन कोच उवे हान ने कहा भारत सरकार से तैयारी के लिए कोई सहायता नहीं मिली।मोदी जी किस नैतिकता से बधाई दे रहे हैं ?