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Farmers Protest: बलात्कार वेश्यावृत्ति और गुंडागर्दी का गढ़ बना किसान आंदोलन, सबूत पढ़कर दंग रह जाएंगे!

Farmers Protest: ऐसे में वही हुआ, जिसका डर था। एक महीना पहले ही टिकरी बॉर्डर पर एक महिला आर्टिस्ट के साथ गैंगरेप किया गया। यह महिला बंगाल से थी और अप्रैल के महीने में ही 6 लोगों के साथ किसानों के आंदोलन में शिरकत करने आई थी, जिसमें 2 महिलाएं भी शामिल थी। इस मामले में 6 लोगों के खिलाफ गैंगरेप की एफआईआर भी हुई थी।

बलात्कार, वेश्यावृत्ति, हत्या और किसान आंदोलन… आप इसे पढ़कर चौक जाएंगे। इसलिए क्योंकि ये किसी अपराध की नगरी की रिपोर्टिंग नहीं हो रही है बल्कि यह किसान आंदोलन की बदनाम हकीकत है। किसान आंदोलन की आड़ में अपराधियों की मंडी सजा ली गई है। एक के बाद दूसरे सबूत सामने आ रहे हैं मगर देश का कथित सेकुलर मीडिया और कथित उदारवादियों का झुंड आंखों पर पट्टी बांधकर गांधारी की भूमिका में हैं।महिलाओं के साथ में किसान आंदोलन की जगह पर हो रहे अत्याचार की गवाही खुद इंडिया टुडे की पत्रकार प्रीति चौधरी ने दी थी। प्रीति ने जनवरी में अपना अनुभव बताते हुए कहा था कि इस जगह पर लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। उनके कूल्हों पर चुटकियां काटी जा रही हैं। यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो चुका है मगर ऐसी चेतावनी पर भी किसी किसान नेता ने अपनी जुबान नहीं खोली और न ही स्थितियों को काबू में करने की कोशिश की।

ऐसे में वही हुआ, जिसका डर था। एक महीना पहले ही टिकरी बॉर्डर पर एक महिला आर्टिस्ट के साथ गैंगरेप किया गया। यह महिला बंगाल से थी और अप्रैल के महीने में ही 6 लोगों के साथ किसानों के आंदोलन में शिरकत करने आई थी, जिसमें 2 महिलाएं भी शामिल थी। इस मामले में 6 लोगों के खिलाफ गैंगरेप की एफआईआर भी हुई थी।

सबसे घृणित बात यह रही किसान आंदोलन के कर्ताधर्ताओं ने इस गैंगरेप पर पर्दा डालने की पुरजोर कोशिश की। ये हाल तब था जबकि महिला लगातार ब्लीड कर रही थी। इस सिलसिले में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव को राष्ट्रीय महिला आयोग ने नोटिस भी दिया। गैंगरेप के कुछ दिनों बाद ये महिला कोविड का शिकार हुई और उसने दम तोड़ दिया।

Farmers Protest

मगर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और अत्याचार की घटनाएं फिर भी नहीं रुकी। एक अन्य महिला प्रदर्शनकारी शिवानी ढिल्लों ने भी छेड़छाड़ और अत्याचारों की यही दास्तां बयां की। उसने बताया कि किस तरह इन कथित किसानों ने उसकी अस्मिता पर डाका डालने की घिनौनी कोशिश की। किसानों के इस कथित आंदोलन की अगली जो सच्चाई सामने आई, वो सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली थी। दिल्ली के टिकरी में आंदोलन की जगह पर टेंट लगाकर वेश्यावृत्ति का रैकेट चलाया जा रहा था। यानि सभ्यता की सारी सीमाएं किसान आंदोलन के नाम पर पार की गईं।

gangrape

बात यहीं तक नहीं रुकी। हरियाणा के बहादुरगढ़ में एक व्यक्ति को किसानों के आंदोलन की जगह पर ही जिंदा जला दिया गया। किसान शराब के नशे में धुत थे और एक छोटे से आपसी विवाद में उन्होंने इस भयानक हरकत को अंजाम दे दिया। किसानों के नाम पर जारी गुंडागर्दी, अनैतिकता और अत्याचार की इस आंधी ने पूरे आंदोलन के मकसद को सिरे से बेनकाब कर दिया है। यह सिर्फ अराजकता और गुंडागर्दी का आंदोलन है जो किसानों के नाम पर चलाया जा रहा है।