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कृषि बिल पर भ्रम फैलने वाले विपक्षियों को किसानों का करारा जवाब, ऐसे खोली पोल (वीडियो)

Agriculture bill: किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) सोमवार को लगातार 12वें दिन जारी है। किसान संगठनों की ओर से केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों (New Farm laws) के विरोध में किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से डटे हुए हैं और 8 दिसंबर (मंगलवार) को भारत बंद का आह्वान किया है।

नई दिल्ली। किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) सोमवार को लगातार 12वें दिन जारी है। किसान संगठनों की ओर से केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों (New Farm laws) के विरोध में किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से डटे हुए हैं और 8 दिसंबर (मंगलवार) को भारत बंद का आह्वान किया है। इससे पहले किसानों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है। किसानों के विरोध-प्रदर्शन के चलते दिल्ली की कई सीमाएं सील कर दी गई हैं। वहीं केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों को लेकर कुछ राजनीतिक दल किसानों को बहकाने की कोशिश में लगे हुए। साथ ही कृषि बिल को लेकर किसानों में तरह-तरह के भ्रम फैला रहै हैं। वहीं कृषि बिल को लेकर कुछ किसानों की राय जानने की कोशिश की है। जिससे सुनने के बाद उन राजनीतिक दलों को बड़ा झटका लग सकता है जो कि लगातार इस मुद्दे को लेकर राजनीति करने में जुटे हुए है।

farmer protest

बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानून बिल किसानों के हित में है। इस बिल के तहत किसानों अपनी उपज को कहीं दूसरे प्रदेश व जनपद में ले जाकर बेच सकेंगे। साथ ही उपज का दाम पहले से निर्धारित कर सकेंगे। नए बिल से कृषि क्षेत्र में अधिक बढ़वा मिलेगा। साथ ही किसानों की आर्थिक स्थित में सुधार होगा। लेकिन कुछ विपक्षी दल इस बिल को लेकर किसानों में गलतफहमी फैला रहे है। वहीं कृषि बिल पर भ्रम फैलने वाले विपक्षियों को अब किसानों ने करारा जवाब दिया है।

Farmer

इसी बीच विपक्षी दलों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम पर किसानों ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। महाराष्ट्र के किसान भगवान भालेराव ने नए कृषि क़ानूनों को किसान हितैषी बताया है। उन्होंने बताया कि नए कृषि बिल से किसानों का ज्यादा फायदा हो रहा है।

वहीं किसान विनायक हेमाडे ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानून बिल को किसानों के आर्थिक तरक्की की राह बताया ।

किसान भगवान चोपडे ने नए कृषि सुधार क़ानून से किसानों का फ़ायदा होने की बात कही है।