नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन को 7 महीने पूरे हो चुके हैं। लेकिन किसान लगातार तीनों कृषि कानून को रद्द करने पर अड़े हुए है। सरकार के साथ कई दौर की बात भी हो चुकी है, मगर अब तक कोई हल नहीं निकला है। एक तरफ जहां सरकार किसान से बातचीत करने के लिए तैयार है, वहीं दूसरी ओर आंदोलन चलाने के लिए किसान तरह-तरह के पैंतरे आजमा रहे है। केंद्र सरकार को बदनाम करने के लिए प्रदर्शनकारी हर मुमकिन कोशिश करने में जुटे हुए है। मगर हर बार उनका झूठ सबके सामने आ जाता है। इसी बीच किसानों ने अब महान धावक फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का सहारा लिया है।
दरअसल गाजीपुर बॉर्डर पर आज संयुक्त किसान मोर्चा ने मिल्खा सिंह की याद में किसान मजदूर मैराथन का आयोजन किया है। गौर करने वाली बात ये है कि जब महान धावक का निधन हुआ था उस दिन किसानों को उनकी याद नहीं आई। मगर आज अपने आंदोलन के तेज करने के लिए उनका सहारा ले रहे है। इतना ही नहीं तस्वीरों में देख सकते है कि किसान आंदोलन के जरिए सरकार को चेतावनी देने वाले शरीर पर मिल्खा सिंह के पोस्टर भी लगाए है।
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने बताया कि मिल्खा सिंह बड़े खिलाड़ी थे, इसलिए उनकी याद में आज हम दौड़ लगा रहे हैं। इस दौड़ से उनके परिवार को एक मैसेज जाएगा कि आज भी उन्हें याद किया जाता है।
गाज़ीपुर: किसान संयुक्त मोर्चा ने फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह की याद में किसान मजदूर मैराथन का आयोजन किया। राकेश टिकैत (BKU) ने बताया, “मिल्खा सिंह बड़े खिलाड़ी थे इसलिए उनके याद में आज हम दौड़ लगा रहे हैं। इस दौड़ से उनके परिवार को एक मैसेज जाएगा कि आज भी उन्हें याद किया जाता है।” pic.twitter.com/SQW4gN1reY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 4, 2021
उधर किसान आंदोलन के लिए महान एथलीट मिल्खा सिंह का सहारा लेने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने किसानों की जमकर क्लास लगाई। इतना ही नहीं एक बार फिर किसान नेता राकेश टिकेत लोगों के निशाने पर आ गए और लोगों ने उनकी जमकर फजीहत कर डाली।
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— Sunny Goel (@SunnyGoelGrains) July 4, 2021
बता दें कि मिल्खा सिंह का 19 जून को कोरोना से निधन हो गया था। 91 साल की उम्र में मिल्खा सिंह ने चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में अंतिम सांस ली थी।