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Farooq Frowns: ‘सीएम रहते कश्मीरी पंडितों को आपने क्यों नहीं बचाया?’, ये सवाल सुनते ही भड़के फारूक अब्दुल्ला; इंटरव्यू छोड़कर भाग निकले

जम्मू-कश्मीर में 1980 के आखिर और 1990 के दशक की शुरुआत में कश्मीरी पंडितों का आतंकियों ने नरसंहार किया। कश्मीरी पंडितों को मारा गया, उन्हें घर-बार छोड़कर पलायन करने को मजबूर किया गया। उस वक्त राज्य में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार थी। फारूक अब्दुल्ला सीएम थे। इसी बारे में सवाल पूछने पर वो भड़क गए।

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में 1980 के आखिर और 1990 के दशक की शुरुआत में कश्मीरी पंडितों का आतंकियों ने नरसंहार किया। कश्मीरी पंडितों को मारा गया, उन्हें घर-बार छोड़कर पलायन करने को मजबूर किया गया। उस वक्त राज्य में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार थी। फारूक अब्दुल्ला सीएम थे। फारूक से इसी बारे में एक टीवी चैनल में इंटरव्यू के दौरान सवाल पूछा गया, तो वो भड़क गए। पहले कहते रहे कि इस बारे में बात न की जाए तो ठीक रहेगा। जब एंकर ने सवाल पूछना जारी रखा और नदीमर्ग नरसंहार का मुद्दा उठाया, तो फारूक बिलबिला पड़े। वो नाराज होकर इंटरव्यू छोड़कर चले गए।

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फारूक के बिलबिलाने और इंटरव्यू छोड़कर चल देने की ये कहानी शनिवार रात टीवी चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ पर देखी और सुनी गई। चैनल की एंकर नविका कुमार ने उनसे पूछा कि जब टीकालाल टपलू, जस्टिस नीलकंठ गंजू और प्रेमनाथ बट की हत्या हुई, तो आप सीएम थे और आपने क्या एक्शन लिया? बस इसी से फारूक भड़क गए। उन्होंने कहा कि आपने मुझे किस मुद्दे पर बात करने के लिए बुलाया है? इसके बाद भी नविका ने सवाल पूछना जारी रखा, तो फारूक ने उनको बीजेपी का प्रतिनिधि बता दिया और माइक उतारकर चलते बने। फारूक जब शो छोड़कर जा रहे थे, तो नविका ने उनसे पूछना जारी रखा कि तो कश्मीरी पंडित किसके हैं, आपके नहीं हैं? कश्मीरी पंडितों पर जवाब नहीं देना चाहते? नीचे आप देख सकते हैं पूरा वाकया, जब फारूक ने इंटरव्यू को बीच में ही छोड़ दिया।

बता दें कि 21 अगस्त को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने नदीमर्ग नरसंहार के मामले को फिर से खोलने का आदेश दिया है। उस घटना में 2 बच्चों समेत 24 लोगों को आतंकियों ने कतार में खड़ा कर गोलियों से भून दिया था। फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के आखिरी सीन में नदीमर्ग नरसंहार को दिखाया गया था। उस दृश्य को देखकर सिनेमाहॉल्स में तमाम लोगों को रोते-बिलखते भी देखा गया था।