नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से लगातार विपक्षी दलों की तरफ से केंद्र की मोदी सरकार को महंगाई के मसले पर घेरने की कोशिश की जा रही थी। आगामी हिमाचल प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए विपक्षी दलों द्वारा किए गए ये हमले और भी तेज हो गए थे। जिसका तोड़ निकालने के लिए बीते दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते शनिवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर विपक्षी दलों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिलसिलेवार तरीके से कुल 12 ट्वीट किए गए थे। जिसमें उन्होंने एक नहीं, बल्कि कई राहतभरी खबरों का जिक्र किया था। वित्त मंत्री ने पेट्रोल-डीजल की कीमत को कम करने के साथ-साथ एलीपीजी सिलेंडर की कीमत को कम करने का ऐलान किया था। वित्त मंत्री के उपरोक्त ऐलान के बाद सियासी गलियारों से केंद्र की मोदी सरकार पर यह सवाल दागे गए कि आखिर जब लगातार महंगाई अपने चरम पर पहुंचने पर बेताब है, तो आखिर कैसे बढ़ती पेट्रोल-डीजल समेत अन्य मदों की कटौती के परिणामस्वरूप होने वाली आर्थिक क्षति को मोदी सरकार झेल पाएगी। आइए, हम आपको इसके बारे में विस्तार से इस रिपोर्ट में बताते हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, उत्पाद शुल्क में बेसिक एक्साइज ड्यूटी, स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी, रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस और एग्रिकल्चर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस होता है। बेसिक एक्साइज ड्यूटी को राज्यों के साथ भी बांटा जाता है, वहीं स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी, रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस और एग्रिकल्चर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस को किसी से साथ साझा नहीं किया जाता। जिससे कहीं न कहीं आगामी दिनों में केंद्र की मोदी सरकार को महंगाई की मार झेलने की कुव्वत हासिल हो जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कैसे मोदी सरकार झेलेगी। इसके बारे में उन्होंने अपने ट्वीट में विस्तार से बताया है। आपको बता दें कि वित्त मंत्री ने पेट्रोल में 8 रूपए और डीजल में 6 रूपए की एक्साइस ड्यूटी की कटौती की है। इससे पहले नवंबर 2021 में भी पेट्रोल और डीजल की कीमत में 8 और 6 रूपए एक्साइस ड्यूटी की कटौती की गई है। ध्यान रहे कि इससे पहले जब पेट्रोल-डीजल की कीमत में एक्साइस ड्यूटी में कटौती की गई थी, तो केंद्र की मोदी सरकार को 21 लाख रूपए का नुकसान हुआ था। वो भी ऐसे वक्त में जब केंद्र की मोदी सरकार को विभिन्न प्रकार की आर्थिक दुश्वारियों से जूझना पड़ रहा है। इससे पहले साल में दो बार पेट्रोल-डीजल की कीमत में एक्साइस ड्यूटी में कटौती किए जाने से केंद्र सरकार को 2.2 लाख रूपए की कटौती की गई थी।
जिसे ध्यान में रखते हुए अब जब इस बार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब पेट्रोल-डीजल की कीमत से एक्साइस ड्यूटी में कटौती का ऐलान किया गया, तो सियासी गलियारों में सवाल उठने लगे कि सरकार कैसे इस स्थिति से निपटेगी। जिसे अब केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने उपरोक्त ट्वीट से विस्तार से समझाया है कि कैसे सरकार इससे निपटेगी। आपको बता दें कि मोदी सरकार ने 2012-22 के बीच डेवलपमेंट पर कुल 90.9 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। वहीं दूसरी ओर 2004-14 के बीच डेवलपमेंट पर सिर्फ 49.2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। मोदी सरकार ने जो खर्चे किए हैं, उनमें फूड, फ्यूल और फर्टिलाइजर पर दी गई सब्सिडी पर 24.85 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 9 करोड़ लाभार्थियों को सब्सिडी देने का ऐलान किया है। सरकार ने कहा कि गैस सिलेंडर वालों को 200 करोड़ रूपए की सब्सिडी भी देगी। बहरहाल, इसमें कोई दो मत नहीं है कि केंद्र सरकार के उपरोक्त ऐलान के बाद महंगाई की मार झेल रहे आम लोग राहत की सांस ले रहे हैं। ध्यान रहे कि विगत कई दिनों से जिस तरह से विपक्षी दलों की ओर से केंद्र की मोदी सरकार को निशाना बनाया जा रहा है, उसे ध्यान में रखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री के उपरोत्क ऐलान को प्रासंगिक माना जा रहा है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में महंगाई के मोर्चे पर केंद्र सरकार क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू