नई दिल्ली। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले (Mahant Narendra Giri death case) में सीबीआई एक्शन में आई है। शुक्रवार को सीबीआई ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। एफआईआर में पूरा घटनाक्रम विस्तृत रूप से बताया गया है। एफआईआर में प्रमुख रूप से आनंद गिरि के नाम का उल्लेख किया गया है। इसमें शिष्यों के हवाले से बताया गया है कि महंत नरेंद्र गिरि आनंद गिरि की वजह से विगत कई दिनों से व्यथित थे। हालांकि, वे खुश रहने की कोशिश करते थे, लेकिन आनंद गिरि की कुछ बातें शायद उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित करती थी। आइए, आगे जानते हैं कि आखिर इस एफआईआर में उक्त प्रकरण के संदर्भ में क्या कुछ उल्लेख किया गया है।
जानिए, एफआईआर की बड़ी बातें
पुलिस को दर्ज प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है कि भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि प्रतिदिन की तरह दिनांक 20-09-2021 को भी दोपहर 12: 30 बजे श्री मठ बाघम्बरी मंदिर के कक्ष में भोजन करने के बाद विश्राम करने गए थे। वे प्रतिदिन दोपहर 3 बजे चाय पीते थे, लेकिन उस दिन उन्होंने विशेष रूप से चाय पीने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर हमें चाय पीने की इच्छा होगी तो हम स्वयं सूचित कर देंगे। इसके बाद शाम पांच बजे तक उनकी तरफ से कोई सूचना नहीं मिली तो उन्हें फोन किया गया, लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने पर उनके विश्राम कक्ष में पहुंचकर दरवाजा खटखटाया गया, लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
इसके बाद सुमित तिवारी, सर्वेश कुमार व धनन्नय आदि शिष्यों ने धक्का देकर दरवाजा खोला तो महराज जी पंखे से लटकते हुए मिले, लेकिन उनमें जीवन की संभावना के दृष्टिगत उनके फंदे को काटकर नीचे उतारा गया, लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी। वहीं, एफआईआर में दर्ज की गई तहरीर में आनंद गिरि पर महंत नरेंद्र गिरि को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगा है। वहीं, इस प्रकरण के दृष्टिगत महंत नरेंद्र गिरि के शिष्यों को इस मामले में आवश्यक कार्रवाई कर दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने का अनुरोध किया गया है।
जांच में जुटी सीबीआई
वहीं, अब इस पूरे मामले की सीबीआई भी जांच कर रही है। आज इसी कड़ी में सीबीआई प्रयागराज पहुंची है। जांच एजेंसियां तमाम लोगों से पूछताछ कर इस केस से जुड़े तमाम पक्षों से पूछताछ कर रही है। इसी क्रम में महंत नरेंद्र गिरि की कॉल डिटेल्स सीबीआई के हाथ लगी है, जिसमे यह बताया गया है कि महंत नरेद्र ने गिरी ने मौत से पहले कुल 13 लोगों से बात की थी। अब जांच एजेंसी इन 13 लोगों से पूछताछ कर रही है। अब ऐसे में यह पूरा मामला क्या रूख अख्तियार करता है। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन यह परा मामला अभी खासा सुर्खियों में है। वहीं, आनंद गिरि को अभी न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। उसका लगातार यही कहना है कि उसे एक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। उसका इस मामले में कोई भी हस्तक्षेप नहीं है। उसके परिजनों ने भी बयान जारी कर कहा कि आनंद गिरि किसी की हत्या नहीं कर सकता है।
आनंद गिरि ने बीते दिनों बयान जारी कर कहा था कि मेरे और महंत के बीच कोई दरार पैदा करना चाहता था। हालांकि, बीते दिनों की घटनाओं पर गौर फरमाएं तो दोनों के रिश्ते पटरी पर आ चुके थे। महंत नरेंद्र गिरि आनंद गिरि को माफ कर चुके थे, लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि आनंद गिरि को पहले जैसे अधिकार प्रदान नहीं किए गए थे, जिसकी निराशा कई मौकों पर उसके चेहरे पर दिखी थी। फिलहाल, आनंद गिरि न्यायिक हिरासत में है। अब आगे चलकर यह पूरा मामला क्या रूख अख्तियार करता है। यह जांच के बाद ही पता चलेगा।