नई दिल्ली। असम में कुदरत का कहर अपने चरम पर पहुंच चुका है। कई जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। बाढ़ की त्रासदी का शिकार होकर लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। हालांकि, राहत एवं बचाव कार्य जारी है। वहीं, पानी का स्तर भी अब धीरे-धीरे घट रहा है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ की चपेट में आकर व्यापक स्तर पर जान माल का नुकसान हुआ है। आपदा मोचन बल को भी बड़ी संख्या में असम के प्रभावित इलाके में तैनात किया गया है। कई लोगों को बाढ़ की त्रासदी से बचा भी लिया गया है। वहीं, आज इस संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा से फोन पर वार्ता कर हर मुमकिन मदद का आश्वासन भी दिया।
एनडीआरएफ की 10 टीमें को रेस्क्यू ऑपरेशन को जारी रखने के लिए असम के बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजा गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, असम के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं , जिसमें नलबाड़ी, बक्सा, बारपेटा, कामरूप ग्रामीण, धुबरी, चिरांग, दरांग, डिब्रूगढ़, धेमाजई शामिल है। उधर, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि एनडीआरएफ की टीम को भी राहत एवं बचाव कार्य में भी बेशुमार दुश्वारियों से जूझना पड़ रहा है। राहत एवं बचाव कार्य में लगे एनडीआरएफ की टीम ने मीडिया को बताया कि अब तक 123 लोग सहित उनके माल मवेशियों को बचा लिया गया है।
बताया जा रहा है कि इस बाढ़ की चपेट में आकर अब तक 5000 लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं, तीन लोगों की अपनी जान भी गंंवानी भी पड़ी है। असम में बाढ़ की भयावह स्थिति को ध्यान में रखते हुए सूबे के बाशिंदे खौफ के साए में जीने को मजबूर हो चुके हैं। स्थानीय प्रशासन भी राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई है। केंद्र की ओर से असम में राहत एवं बचाव कार्य रफ्तार देने के लिए राहत सामग्री भी मुहैया कराई है। हालांकि, अभी तो बाढ़ का जलस्तर घटता जा रहा है, लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि आगामी दिनों में सूबे में स्थिति बिगड़ सकती है। बहरहाल, प्रदेश सरकार मौजूदा स्थिति पर विशेष नजर बनाए रखी है।