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Hanuman Chalisa: जयपुर में पहली बार सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ का हुआ आयोजन, हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

Hanuman Chalisa: महंत पंडित भंवर लाल शर्मा और श्री हनुमान चालीसा प्रबंध समिति के संरक्षक तथा अध्यक्ष अमरनाथ महाराज के सानिध्य में इस सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया जिसमें सांगानेरी गेट से लेकर बड़ी चौपड़ तक काफी संख्या में श्रद्धालु जुटे हुए थे। हजारों की संख्या में ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी संख्या में इकट्ठा हुए लोगों ने साथ में हनुमान चालीसा का पाठ किया।

नई दिल्ली। गुलाबी नगर से एक शानदार नजारा सामने आया है। जयपुर में ढ़ोल नगारों की धुन पर जय हनुमान ज्ञान गुण सागर की गूंज सुनाई दी है। सांगानेरी गेट स्थित पूर्व मुखी हनुमान मंदिर के बाहर शनिवार शाम के समय में लोगों ने सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया। पहली बार इतनी भारी संख्या में लोगों ने हनुमान चालीसा का आयोजन किया। इस आयोजन में महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल थे। यहां अधिकत्तर लोग पीले वस्त्र में दिखाई दे रहे है और साथ ही जय श्री राम के नारे भी लगाते दिख रहे है। इस भव्य आयोजन श्री हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ के दौरान जहां कुछ श्रद्धालु जहां सांगानेरी गेट पर से शुरू होकर बड़ी चौपड़ तक नजर आ रहे हैं।

सांगानेरी गेट से लेकर बड़ी चौपड़ तक लोगों की भीड़ में श्रद्धालु हुए इकट्ठा

महंत पंडित भंवर लाल शर्मा और श्री हनुमान चालीसा प्रबंध समिति के संरक्षक तथा अध्यक्ष अमरनाथ महाराज के सानिध्य में इस सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया जिसमें सांगानेरी गेट से लेकर बड़ी चौपड़ तक काफी संख्या में श्रद्धालु जुटे हुए थे। ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी संख्या में इकट्ठा हुए लोगों ने साथ में हनुमान चालीसा का पाठ किया। भक्तों ने सड़क पर बैठकर जैसी ही हनुमान चालीसा की चौपाइयां पढ़नी शुरू की वहां हर जगह भक्ति की लहरें दिखने लगी और भक्त खुशी से झूमते और केसरिया झंडा लहरा कर जय श्री राम के नारे लगाते भी दिखे।

जय श्री राम के लगे नारे

वहां उपस्थित हनुमान जी के भक्तों पर बरामदों से फूलों की बरसात की गई। हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ के लिए पूरे जौहरी बाजार को ध्वज पताकाओं से दुल्हन की तरह सजाया गया। इस भव्य समारोह में भक्तों में खासतौर पर युवाओं में काफी उत्साह देखने को मिला। जय श्री राम के साथ भारत माता की जय के नारे भी सुनने को मिले। इससे लोगों में  में देशभक्ति का भी प्रेम साफ दिख रहा था। इस भव्य समारोह की वजह से वहां मौजूद सारे मार्केट को बंद कर दिया गया था। किसी के हाथ में ढ़ोल तो किसी के हाथ में मंजीरा तो कोई केसरिया झंडा लेकर अपनी भक्ति को दिखा रहा था।