नई दिल्ली। राम की नगरी अयोध्या में आज धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने की साजिश के तहत एक शख्स जालीदार टोपी पहनकर पहुंचा था। पहले तो उस शख्स ने धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए जगह धार्मिक स्थलों पर मांस के टुकड़े फेंक दिए। इसके बाद आपत्तिजनक पर्चे लगाए। अब सवाल यह था कि आखिर इस साजिश को रचने वाला शख्स था कौन। जैसे ही इस पूरे मामले से पुलिस अवगत हुई तो सभी के होश ही फाख्ता हो गए। बहरहाल, घटनास्थल से प्राप्त हुए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अब तक 7 लोगों को चिन्हित किया जा चुका है। फिलहाल, इन सभी चिन्हित किए गए लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का सिलसिला शुरू कर चुकी है। अब तक उपरोक्त मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। और चार अन्य की तलाश जारी है। पुलिस पूछताछ के आधार पर मिली जानकारी के मुताबिक, इस नापाक काम को अंजाम देने का काम पिछले काफी दिनों से किया जा रहा था। बता दें कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान महेश मिश्रा (मास्टरमाइंड), प्रत्यूष कुमार, नितिन कुमार, दीपक गौड़, ब्रजेश पांडे, शत्रुघ्न व विमल पांडेय के रूप में हुई है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, इस साजिस को एक हिस्ट्रीशीटर से ने रची है। जिस पर चार मामले पहले से ही दर्ज हैं। इन लोगों ने इस साजिश को रचने के लिए ऐसी जगह का चुनाव करिया था, जहां मस्जिद सीसीटीवी कैमरों की जद में आती हो।
उधर, पुलिस ने इस पूरे मामले के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया है कि इस पूरे प्रकरण का मुख्य साजिशकर्ता कोई और नहीं, बल्कि महेश मिश्रा था। महेश ने ही आपत्तिजनक पर्चे छपवाए थे। वहीं आरोपी प्रत्यूष श्रीवास्तव ने कुरान और टोपी खरीदी थी। आरोपी ने लाल बाग से मांस खरीदा था। बहरहाल, पुलिस इस पूरे मामले को संज्ञान में लेने के उपरांत जांच का सिलसिला शुरू कर चुकी है। वहीं, इस मामले के संदर्भ में अब तक चार शिकायतें दर्ज की जा चुकी है। पुलिस ने कहा कि आरोपियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का सिलसिला शुरू किया जाएगा।
वहीं, अब तक आरोपियों से हुई पूछताछ के आधार पर पता चला है कि यह लोग जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के मौके पर हुई हिंसा का प्रतिशोध लेन चाहते थे। जिसके तहत इन लोगों ने धधकते प्रतिशोध की ज्वाला को जमीन पर उतारने के लिए उपरोक्त कृत्य किया था। फिलहाल पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 (किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को चोट पहुंचाना या अपवित्र करना) और 295A (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका उद्देश्य किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करना है) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उधर, माना जा रहा है कि आगामी दिनों में इन लोगों के खिलाफ रासूका के तहत भी कार्रवाई जाएगी।