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Anurag Thakur: न्यूयॉर्क टाइम्स में छपा कश्मीर पर विवादित लेख, तो भड़के अनुराग ठाकुर, लगाई विदेशी मीडिया को जमकर फटकार

Anurag Thakur: पिछले कुछ समय से भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी मीडिया का हस्तक्षेप बढ़ गया। विदेशी में लगातार मौजूदा सरकार की नकारात्मक छवि पेश करने की कोशिश की जा रही है। जिस पर अब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने लगातार पांच ट्वीट कर न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित लेख को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। आइए, आगे जानते हैं कि उन्होंने अपने ट्वीट में क्या कुछ कहा है।

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनुराग ठाकुर ने अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में कश्मीर के संदर्भ में प्रकाशित लेख को लेकर विदेशी मीडिया को जमकर फटकार लगाई है। इसके अलावा उन्होंने सभी विदेशी मीडिया को हिदायत दी है कि विलायती धरा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी में एजेंडा चलाना बंद करें। पिछले कुछ समय से भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी मीडिया का हस्तक्षेप बढ़ गया। विदेशी में लगातार मौजूदा सरकार की नकारात्मक छवि पेश करने की कोशिश की जा रही है। जिस पर अब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने लगातार पांच ट्वीट कर न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित लेख को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। आइए, आगे जानते हैं कि उन्होंने अपने ट्वीट में क्या कुछ कहा है।

Anurag Thakur

केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने बहुत पहले ही भारत के बारे में कुछ भी प्रकाशित करते समय तटस्थता के सभी दावों को छोड़ दिया था। कश्मीर में प्रेस की स्वतंत्रता पर NYT का तथाकथित ओपिनियन पीस शरारती और काल्पनिक है, जिसका एकमात्र मकसद भारत के बारे में दुष्प्रचार फैलाना है…

इसके अलावा उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि, ‘भारत में लोकतंत्र और हम लोग बहुत परिपक्व हैं और हमें ऐसे एजेंडे से चलने वाले मीडिया से लोकतंत्र का व्याकरण सीखने की जरूरत नहीं है। कश्मीर में प्रेस की आजादी के खिलाफ NYT द्वारा फैलाया गया झूठ निंदनीय है।

उधर, केंद्रीय मंत्री ने अपने तीसरे और आखिरी ट्वीट में कहा कि भारतीय ऐसी मानसिकता को भारत की धरती पर अपना निर्णायक एजेंडा नहीं चलने देंगे।

बता दें कि अभी अनुराग ठाकुर का यह ट्वीट खासा सुर्खियों में है। जिस पर लोग अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी मीडिया का हस्तक्षेप बढ़ गया है। अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट गुजरात दंगा मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने के बावजूद भी बीबीसी ने इंडिया का दा मोदी क्वेचन नामक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी, जिसमें पीएम मोदी की नकारात्मक छवि पेश की गई थी। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री के प्रसारित करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन, इसके बावजूद भी कई यूनिवर्सिटी में छात्र जबरन इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करते हुए आए थे। जामिया ,जेएनयू सहित अन्य यूनिवर्सिटी में इस डॉक्यूमेंट्री की छात्रों ने स्क्रीनिंग की थी। हालांकि, इस बीच पुलिस प्रशासन ने इस पर आपत्ति जताई थी। तो इस तरह से आप देख सकते हैं कि वर्तमान में किस तरह से भारत के आंतरिक मामलों पर विदेशी मीडिया का हस्तक्षेप बढ़ रहा है।