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Uttarakhand: तीरथ रावत के इस्तीफे पर पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह का बड़ा बयान, कही ये बात

Uttarakhand: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद से उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मच गई है। रावत के इस फैसले के बाद से विपक्ष की ओर से कई बयान सामने आए हैं, तो वहीं अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मामले में बयान देते हुए कहा है कि यदि तीरथ सिंह रावत अभी इस्तीफा नहीं देते संवैधानिक संकट पैदा हो जाता।

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) के इस्तीफा देने के बाद से उत्तराखंड (Uttarakhand) की राजनीति में हलचल मच गई है। रावत के इस फैसले के बाद से विपक्ष की ओर से कई बयान सामने आए हैं, तो वहीं अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मामले में बयान देते हुए कहा है कि यदि तीरथ सिंह रावत अभी इस्तीफा नहीं देते संवैधानिक संकट पैदा हो जाता। परिस्थितियों की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। कोरोनावायरस की वजह कई राज्यों के उपचुनावों में देरी हुई है। बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद ही तीरथ सिंह रावत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था। वहीं अब तीरथ सिंह रावत ने बीती रात राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा दिया है। इस दौरान तीरथ सिंह रावत ने संवैधानिक मजबूरियों की बात कहते हुए इस्तीफा दिया।

इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने भी इस मामले में बयान देते हुए कहा कि बीजेपी के नेतृत्व की वजह से तीरथ सिंह मजाक के पात्र बन गए हैं। हरीश सिंह रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “2017 में सत्तारूढ़ हुई उत्तराखंड भाजपा ने अपने दो नेताओं की स्थिति हास्यास्पद बना दी है, दोनों भले आदमी हैं। त्रिवेंद्र रावत जी को बजट सत्र के बीच में बदलने का निर्णय ले लिया, जबकि वित्त विभाग भी उन्हीं के पास था, बजट पर चर्चा और बहस का जवाब उन्हीं को देना था, बजट उन्हीं को पारित करवाना था।”

Trivendra Singh Rawat

इसके बाद बजट पर बात करते हुए हरीश सिंह रावच ने लिखा कि “सब हबड़-तबड़ में बजट भी पारित हुआ और त्रिवेंद्र सिंह जी की विदाई भी हो गई और उतने भले ही आदमी तीरथ रावत जी मुख्यमंत्री बने। तीरथ सिंह जी की स्थिति कुछ उनके बयानों ने, और जितनी रही-सही कसर थी, वो भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उनके चुनाव लड़ने के प्रश्न पर निर्णय न लेने कारण हास्यास्पद बन गई, वो मजाक के पात्र बनकर के रह गए।” वहीं तीरथ सिंह रावत पर कटाक्ष करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि “लोग कह रहे हैं कि हमारे मुख्यमंत्री को जब इसी बात ज्ञान नहीं था कि उनको कब चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचना है तो, ये व्यक्ति हमारा क्या कल्याण करेगा!”