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Congress: 23 साल की चुप्पी के बाद एक्शन में ‘G-23’!, आजाद की बगावत के बाद थरूर के बहके बोल!

Congress: खास बात ये है कि थरूर ने अपने आर्टिकल में जो भावना व्यक्त करने की कोशिश की है वो बातें गुलाम नबी आजाद ने अपने इस्तीफे में भी लिखा था। गुलाम नबी आजाद ने लिखा था कांग्रेस में पार्टी अध्यक्ष के लिए जो चुनाव हो रहा है वो सिर्फ ढ़ोंग और दिखावा है क्योंकि पार्टी चापलूस मंडली की सलाह पर चल रही हैं।

नई दिल्ली। कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा? सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा या गांधी परिवार के नामित नेता। चुनाव से पहले कांग्रेसी क्लियर थे कि राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष बनेंगे। कल तक कांग्रेसियों के लिए ये सवाल ही नहीं था कि पार्टी का अगला प्रसिंडेट कौन होगा। लेकिन कांग्रेस सांसद शशि थरूर के एक आर्टिकल ने पार्टी में लोकतांत्रिक चुनाव को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए है। दरअसल शशि थरूर ने अपने लेख में जो लिखा है उसमें पार्टी के पुनरूद्धार की सख्त जरूरत की बात कही है। इसके साथ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अंदर निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए। इसके अलावा लिखा कि बेहतर होता अगर CWC के दर्जन भर पदों पर भी चुनाव होते। अध्यक्ष चुनाव में एक  से अधिक उम्मीदवार उतरें और अपना विजन पेश करें। अध्यक्ष पद पर निष्पक्ष चुनाव से मतदाताओं की कांग्रेस में दिलचस्पी बढ़ेगी। थरूर के इस बयान से संभावना खड़ी हो गई है कि क्या शशि थरूर भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे। लेकिन उन्होंने अभी अपने पत्तें नहीं खोले है।

खास बात ये है कि थरूर ने अपने आर्टिकल में जो भावना व्यक्त करने की कोशिश की है वो बातें गुलाम नबी आजाद ने अपने इस्तीफे में भी लिखा था। गुलाम नबी आजाद ने लिखा था कांग्रेस में पार्टी अध्यक्ष के लिए जो चुनाव हो रहा है वो सिर्फ ढ़ोंग और दिखावा है क्योंकि पार्टी चापलूस मंडली की सलाह पर चल रही हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद के चुनाव की घोषणा करते वक्त गुलाम नबी आजाद के इन आरोपों का ध्यान रखा गया और सफाई भी दी गई। कांग्रेस नेता ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि कांग्रेस एकमात्र पार्टी है जिसमें पार्टी अध्यक्ष के लिए चुनाव होते है। वहीं थरूर के रूख से पार्टी के इस दावे पर भी सवाल उठे है।

ghulam nabi azad and rahul gandhi 1

कांग्रेस ने ऐलान किया है कि 22 सितंबर को पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए अधिसूचना जारी होगी। वहीं 24 से 30 सितंबर तक नामांकन होगा। अगर अध्यक्ष पद की दौड़ में एक ही नाम रह जाता है तो 8 अक्टूबर को ऐलान हो जाएगा। वरना 17 अक्टूबर को चुनाव होगा और 19 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। लेकिन क्या कांग्रेस पार्टी में फ्री एंड फेयर चुनाव संभंव है क्योंकि खबर है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में ही आनंद शर्मा ने कांग्रेस के इलेक्टोरल रोल को लेकर ही सवाल खड़े कर दिए थे।

ऐसे में अगर कांग्रेस में निष्पक्ष चुनाव होता है तो 22 वर्षों में पहली बार कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा। आखिरी बार 2000 में सोनिया गांधी के खिलाफ जितेंद्र प्रसाद ने नामांकन किया था। तब 7542 में जितेंद्र प्रसाद को सिर्फ 94 वोट मिले थे, जबकि 7748 वोट सोनिया गांधी को मिले थे। इससे पहले 1997 में जब चुनाव हुआ था चुनाव में सीताराम केसरी, शरद यादव, राजेश पायलट उम्मीदवार थे। पवार को 7460 वैध मतों में से 1236 वोट मिले थे। तब आरोप लगे थे कि सीताराम ने कांग्रेस का इलेक्टोरल रोल को ही मैनेज कर लिया था। क्योंकि स्टेट्स यूनिट में उनके चुने हुए लोग पदों पर काबिज थे। हालांकि चर्चा थी कि राहुल गांधी के इंकार के बाद सोनिया गांधी अशोक गहलोत को अध्यक्ष बनाना चाहती है लेकिन ग्रुप 23 के नेता ऐसा नहीं चाहते और अब थरूर के रूख के बाद लगता है कि कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए एक से ज्यादा उम्मीदवार नामांकन भरेंगे।