नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कोविड-19 से मुकाबले में विपक्ष केंद्र सरकार के साथ है। हमारा पहला मकसद मिलकर वायरस के संक्रमण को रोकना, जड़ से खत्म करना है।गुलाम नबी आजाद ने भारत में हुए प्रयास की सराहना की है।
गुलाम नबी आजादा का कहना है कि कोविड-19 को लेकर भारत ने भी जनवरी 2020 में सतर्कता भरे प्रयास शुरू कर दिए थे। यह एक नई बीमारी है। नए वायरस से फैली है। कहा कि इस बीमारी का अनुमान लगाने में दुनिया के विकसित देश तक काफी चूक गए। इसलिए यह कहना ठीक नहीं होगा कि भारत ने समय पर इसको लेकर संवेदनशीलता नहीं दिखाई। उन्होंने ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि आप दुनिया के विकसित देशों के आंकड़े देखेंगे, तो भारत में इसके संक्रमितों की संख्या अभी तक काफी कम है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में करीब 15 दलों के नेता शामिल थे। पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के सुझावों से शुरुआत हुई। आजाद ने इसमें डाक्टर, नर्स, जांच कार्य में लगे लोग और अन्य स्टाफ को सुरक्षा किट (पीपीई, मास्क) आदि उपलब्ध कराने, कोविड-19 से लड़ने में लगे लोगों को इश्योरेंस की सुविधा देने का सुझाव दिया। आजाद ने कहा कि वायरस को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस और सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है।
गुलाम नबी आजाद ने अपने सुझाव में यह भी कहा कि केंद्र सरकार को सोशल डिस्टेंसिंग के लिए और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। अभी के उपाय पर्याप्त नहीं हैं। इसी तरह से देश के भीतर कोविड-19 की बड़े पैमाने पर जांच होनी चाहिए।