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Monkeypox News: दुनिया भर में तेजी से फैल रही नई बीमारी मंकीपॉक्स, जानिए भारत के लिए कितनी खतरनाक

Monkeypox News: एक नई बीमारी को लेकर दुनिया में अलर्ट जारी कर दिया गया है। ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देशों और अमेरिका में भी मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी हो गया है। अभी तक मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के कुछ इलाकों में इस बीमारी को एंडेमिक बीमारी माना जा रहा था।

नई दिल्ली। महामारियों ने जब भी अपने पैर पसारे लाखों लोगों को कुचलती चली गईं, और लोगों के मन को खौफ से भर दिया। फिर चाहें वो प्लेग हो, सॉर्स हो या कोरोना। सभी महामारियों ने तबाही के खौफनाक मंजर दिखाए। अब तो ये हाल हो गया है कि किसी भी महामारी के अस्तित्व में आते ही एक डर सा लग जाता है। अब एक नई बीमारी को लेकर दुनिया में अलर्ट जारी कर दिया गया है। ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देशों और अमेरिका में भी मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी हो गया है। अभी तक मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के कुछ इलाकों में इस बीमारी को एंडेमिक बीमारी माना जा रहा था। इसका मतलब है कि ये बीमारी केवल कुछ इलाकों तक ही सीमित थी। लेकिन अब अमेरिका में मंकीपॉक्स के पहले केस की पुष्टि की गई है। आखिर क्या है ये मंकीपॉक्स और भारत में इस बीमारी की क्या स्थिति है आइये जानते हैं…

मंकीपॉक्स बीमारी की गंभीरता

मई के पहले सप्ताह में ही यूरोप और उत्तरी अमेरिका के कई देशों में मंकीपॉक्स बीमारी के कुछ मामलों की पुष्टि हो चुकी है और दर्जनों संदिग्ध मामलों की जांच की जारी है। इस बीमारी का अलर्ट स्पेन, पुर्तगाल, यूके और कनाडा में भी जारी कर दिया गया है। अभी तक बेहद खराब स्वास्थ्य प्रणाली वाले अफ्रीकी क्षेत्रों में इस बीमारी से मृत्यु दर लगभग 10% दर्ज की गई है।

मंकीपॉक्स क्या है?

मंकीपॉक्स चेचक की तरह ही एक छुआ-छूत की बीमारी है यानी कि ये एक व्यक्ति से दूसरे में व्यक्ति में फैलने वाली वायरल बीमारी है। इसे स्मॉलपॉक्स का एनिमल कजिन कहा जा रहा है। हालांकि चेचक की समाप्ति की घोषणा साल 1980 में हो गई थी।

लक्षण?

1.शरीर में खुजली,

2.त्वचा पर पानी से भरे चकत्ते और दाने

3.बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, सूजन, कंपकंपी, थकावट

4.रोगी के ठीक होने के बाद चेचक की तरह ही ये शरीर पर निशान छोड़ सकता है।

कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?

मंकीपॉक्स फैलने का मुख्य कारण जंगली जीव-जंतुओं का बॉडी फ्लूअड, कच्चे या अधपके मांस को खाना है। इसके अलावा, संक्रमित जानवर के काटने से भी मंकीपॉक्स का रोग पनप सकता है। इस बीमारी को फैलाने वाले प्रमुख जानवरों में चूहे, गिलहरी जैसे कुतरने वाले जानवर शामिल हैं। अधिकतर, व्यक्ति के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के 5 से 21 दिनों के अंदर इसके लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं।

मंकीपॉक्स से समलैंगिकों को खतरा ज्यादा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, समलैंगिक पुरुषों के साथ सेक्स करने वाले पुरुषों में भी ये संक्रमण देखा जा रहा है। हालांकि, अमेरिका की हेल्थ एजेंसी CDC के मुताबिक, जरूरी नहीं कि ये बीमारी सेक्स से ही फैले, मंकीपॉक्स घावों या साझा किए कपड़ों, बिस्तरों, बॉडी फ्लूअड से भी इस बीमारी का संक्रमण फैल सकता है।

क्या नई है ये बीमारी?

पहली बार मंकीपॉक्स साल 1958 में बंदरों में पाई गई थी। इंसानों में 1970 में पहला मामला पाया गया।

भारत में मंकीपॉक्स?

भारत में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन विदेशी यात्राएं करने वाले लोगों को इससे सावधान रहने की जरूरत है।