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Truckers Protest New Law: सरकार ने किया इस कानून में बदलाव, तो ड्राइवरों ने खोल दिया मोर्चा, सड़क पर किया विरोध, जानिए पूरा माजरा

Truckers Protest New Law: पहले हिट एंड रन मामले में दोषी ठहराए जाने वाले आरोपी को आईपीसी की धारा 304A के तहत दो साल की सजा का प्रावधान था। वहीं, वहीं, अब बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा किए गए उक्त कानून में बदलाव के बाद इस सजा की मियाद को बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया, जिसका अब ड्राइवरों को द्वारा विरोध किया जा रहा है।

नई दिल्ली। आपको तो पता ही होगा कि बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में संसद में औपनिवेशिक दौरे के कानूनों में संशोधन करके उसमें भारतीयता का रंग घोलने का प्रयास किया गया, जिसका सत्तारूढ़ दल के लोगों ने जहां स्वागत किया, तो वहीं दूसरी तरफ विरोधी गुटों के लोगों ने मुखालफत करने में कोई कसर कसर नहीं छोड़ी, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की वाक्यपुटता से तो आप वाकिफ ही हैं। लिहाजा उन्होंने बिना कोई भूमिका रचाए औपनिवेशिक दौर के कानूनों में किए जा रहे बदलावों को वाजिब ठहराने की पूरी कोशिश की जिसका नतीजा यह हुआ कि इन बदलावों को संसद के दोनों सदनों में सहर्ष स्वीकार कर लिया गया, लेकिन पहले जहां इन बदलावों का विरोध विपक्षी दलों द्वारा किया जा रहा था। वहीं अब यह विरोध आम लोगों के द्वारा भी किया जा रहा है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

दरअसल, पहले हिट एंड रन मामले में दोषी ठहराए जाने वाले आरोपी को आईपीसी की धारा 304A के तहत दो साल की सजा का प्रावधान था। वहीं, वहीं, अब बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा किए गए उक्त कानून में बदलाव के बाद इस सजा की मियाद को बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया, जिसका अब ड्राइवरों को द्वारा विरोध किया जा रहा है। आपको बता दें कि हरियाणा के जींद में आज बड़ी संख्या में ट्रक ड्राइवर सड़क पर उतरे और सरकार द्वारा किए गए इस बदलाव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह बदलाल बिल्कुल भी उचित नहीं है, क्योंकि कई बार हादसे हमारी वजह से नहीं होते हैं। कई दफा धुंध की वजह से हादसे होते हैं, जिन पर हमारा पर कोई असर नहीं पड़ता है।’

इतना ही नहीं, कई बार इस बार हमें भीड़ द्वारा पीटे जाने का भी खतरा रहता है। वैसे भी कोई ड्राइवर यह नहीं चाहता है कि किसी की जान जाए। ऐसे में हमें लगता है कि इस तरह का कानून ड्राइवरों के हित में नहीं है और हमारा यह विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक की सरकार इन कानूनों को वापस नहीं ले लिया जाता है। वहीं, कुछ लोग यह दावा भी कर रहे हैं कि यह विरोध प्रदर्शन राजनीतिक दुर्भावना का नतीजा है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में क्या कुछ फैसला लिया जाता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।