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Diwali in Akshardham: अक्षरधाम मंदिर गोंडल में भव्य चोपड़ा पूजन का आयोजन, स्वामी महाराज की उपस्थिति से भक्त हुए सराबोर

Diwali in Akshardham: कार्यक्रम में लोगों को खास संदेश भी दिया गया। जिसके अंश कुछ इस प्रकार से है.. भारतीय संस्कृति की धार्मिक प्रणालिकाओं में दीवाली का त्योहार विशिष्ट महत्व रखता है। प्रकाश का पर्व लक्ष्मी पूजन एवं सरस्वती पूजन के कारण भी सभी के जीवन में महत्वपूर्ण साबित होता रहा है।

नई दिल्ली। इस दीपावली का पर्व 12 नवंबर 2023 को मनाया गया। इस दिन चोपड़ा पूजन भी की जाती है। दिवाली चोपड़ा पूजन के दिन नए बहीखाता की पूजा होती है। चोपड़ा पूजन के दिन मां शारदा और मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान गणेश को भी पूजा होती है। इसके साथ ही इस दिन घरों और दुकानों में मां लक्ष्मी और सरस्वती और भगवान गणेश की मूर्ति भी स्थापित की जाती है। वहीं अक्षरधाम मंदिर गोंडल में दिवाली का चोपड़ा पूजन का पर्व मनाया गया। इस खास मौके पर कई भक्त जनों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

कार्यक्रम के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बातें-

कार्यक्रम में लोगों को खास संदेश भी दिया गया। जिसके अंश कुछ इस प्रकार से है.. भारतीय संस्कृति की धार्मिक प्रणालिकाओं में दीवाली का त्योहार विशिष्ट महत्व रखता है। प्रकाश का पर्व लक्ष्मी पूजन एवं सरस्वती पूजन के कारण भी सभी के जीवन में महत्वपूर्ण साबित होता रहा है। आज के दिन की शाम को सरस्वती पूजन जिसे हम चोपड़ा पूजन बोलते है उसका भी पूजन किया जाता है सनातन धर्म की इस परंपरा का अनुसरण करते हुए अक्षरधाम मंदिर गोंडल में परम पूज्य महंत स्वामी महाराज के सानिध्य में उनके ही पवन दिशा में ऐसे ही सरस्वती पूजन का अनोखा कार्यक्रम संपन्न हुआ।

मंदिर के सभागृह में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान करीब 3 हजार से अधिक चोपड़ा लेकर सभी भक्त जन उपस्थिति रहे थे। वहां वैदिक पूजा के द्वारा इस सभी सरस्वती पूजा के अंतर्गत चोपड़ाओं का पूजन किया गया। इस पूजन के दौरान हमारे वेद उपनिषद में वर्णित भगवान की स्तुति एवं अक्षर पुरुषोत्तम का गान स्व:स्वर मात्रा से सभी संतों लोगों ने किया। अंत में परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने सभी भक्तों और भाविकों के चोपड़ा पर प्रसादी युक्त अक्षत की वर्षा करने के लिए संतों को भेजकर इस उसत्व को सभी के लिए स्मरणीय बना दिया।

ऐसा सरस्वती पूजन, लक्ष्मी पूजन और शारदा पूजन और हनुमत: पूजन का सुंदर कार्यक्रम दीपावली के दिन विक्रम संवत 2079 के अंतिम दिन पर गोंडल में परम पूज्य महंत स्वामी महाराज के निश्रा में संपन्न हुआ। करीब 12 से 15 हजार लोगों ने इस उत्सव का लाभ लेकर धन्यता का अनुभव किया।