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Guru Gobind Singh Jayanti 2022: जब 10 लाख मुगलों पर भारी पड़े 43 सिख, रोंगटे खड़े कर देने वाला किस्सा

Guru Gobind Singh Jayanti 2022: गुरु गोबिन्द सिंह आनंदपुर साहिब के लोगों को लेकर सिरसा नदी पर पहुंचे। उस समय नदी उफान पर थी। ऐसे में नदी पार करते हुए गुरु गोबिन्द सिंह के दो बेटे और 40 सिख यानि कुल 43 लोगों के अलावा तमाम लोग बह गए।

नई दिल्ली। भारत का इतिहास ऐसे तमाम किस्सों को समेटे हुए है, जो बेहद अविश्वसनीय और रोंगटे खड़े कर देते हैं, उन्हीं में से एक है चमकौर युद्ध का किस्सा। चमकौर युद्ध सन 1704 में लड़ा गया था। इस युद्ध में गुरु गोबिन्द सिंह समेत 43 सिखों ने मिलकर 10 लाख मुगल सैनिकों ने धूल चटा दी थी। गुरु गोबिंद सिंह सिखों के दसवें और आखिरी गुरु थे। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना करने के साथ ही अपना पूरा जीवन लोगों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। 1704 के आसपास मुगलों का दमन चरम पर था, तब वे जबरन लोगों का धर्म परिवर्तन कराने में लगे हुए थे। उस वक्त गुरु गोबिंद सिंह ने इसका विरोध करते हुए मुगलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मुगल उन्हें शिकस्त देने में नाकाम हो चुके थे और हर हाल में उन्हें जिंदा या मुर्दा पकड़ना चाहते थे इसलिए उन्होंने आनंदपुर साहिब को घेर लिया।

गुरु गोबिन्द सिंह आनंदपुर साहिब के लोगों को लेकर सिरसा नदी पर पहुंचे। उस समय नदी उफान पर थी। ऐसे में नदी पार करते हुए गुरु गोबिन्द सिंह के दो बेटे और 40 सिख यानि कुल 43 लोगों के अलावा तमाम लोग बह गए। इस दौरान वे चमकौर की कच्ची हवेली में रूके, जब नदी में पानी का बहाव कम हुआ तो 10 लाख मुगल सैनिकों के साथ वजीर खान ने उस कच्ची हवेली को घेर लिया और गुरू गोबिंद सिंह से आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, तब गुरु गोबिंद सिंह ने अपने सभी सिख साथियों को युद्ध के लिए राजी किया और उन्हें छोटे छोटे समूह में बांट दिया। उन सिख योद्धाओं ने मुगलों का डटकर सामना किया और उनकी आधी से ज्यादा सेना को खत्म कर दिया।

इस दौरान तमाम सिख लड़ते लड़ते शहीद हो गए केवल गुरु गोबिन्द सिंह और उनके दो साथी ही बचे। गुरू गोबिंद सिंह ने मुगल सेना को ललकारते हुए कहा कि मैं जा रहा हूं हिम्मत हो तो पकड़ लो उन्होंने दुश्मन सेना के उन सैनिकों को मार गिराया जो मशाल लेकर खड़े थे। मशालें बुझीं तो चारों तरफ अंधेरा छा चुका था जब सुबह वजीर खान ने नजारा देखा तो सेना खत्म हो चुकी थी और गुरु गोबिन्द सिंह वहां से निकलकर भाग चुके थे।